खेल की रफ्तार से पैदा होता है रोमांच
भारत में खेल लीग का बढ़ता चलन: रोलबॉल की लीग भी होगी आरंभ
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
हमारे देश में खेलों को क्लब या लीग स्पर्धाओं के माध्यम से लोकप्रिय बनाने हेतु कभी गंभीर प्रयास नहीं हुए। एक समय था भारत के गांव- गांव में फुटबाल, हाकी, व्हालीबाल, कैरम, कुश्ती,एथलेटिक्स शतरंज,कबड्डी, खो-खो आदि की प्रतियोगिताएं हुआ करती थी। इसके अलावा लोक खेलों का भी चलन था। भारत के औद्योगिक,कृषि,शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य, सड़क, संचार,खाद्य क्रांति ने देश के युवाओं की सोच व दिशा बदल दी।
आज खेल लीग का जमाना है। भारत में क्लब पद्धति से अभ्यास करने का पुराना इतिहास है। अभ्यास करने वाले उपकरण का प्रयोग होता था। भारतीय इतिहास के दौर में तैराकी क्लब,गदा क्लब,अखाड़ा करालाकट्टाई जैसे 64 प्रकार की विद्या वाली क्रीड़ा का क्लब हुआ करता था। 1670 में बना हुआ भारोत्तोलन व मलखंभ जैसे अभ्यास के उपकरणों का प्रयोग क्लबों में करते हुए मुगलकालीन पेंटिंग में पाया जाता है। जोगिंग क्लब का गठन सन् 1800 के दौरान डेविट कूक के द्वारा किया गया था। बाद में ओलंपिक खेलों में जिमनस्टिक को 1896 में शामिल करने के पहले भारत में जिमनास्टिक क्लब बने। फिर सन् 1913-14 से 1920 से 1930 के बीच भारतीय क्लबों में कई खेल के अभ्यास व मुकाबले होने लगे। भारत के खेल इतिहास में फुटबाल क्लब सबसे शक्तिशाली बना। मोहन बागान क्लब सबसे पहले 1889 में बना। आज भारत में हजारों फुटबाल क्लब हैं। हमारे देश की सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक परिस्थिति कुछ ऐसी रही कि क्लब या लीग पद्धति से खेलकूद की प्रतियोगिता व्यापक रूप से लगातार आयोजित नहीं की जा सकी। भारत में आज लीग आधार पर विभिन्न खेलों की चैंपियनशिप हो रही है। इसमें क्रिकेट, व्हालीबाल, फुटबाल,टेबल टेनिस, टेनिस, कबड्डी, बैडमिंटन, हाकी आदि प्रमुख हैं। इसमें से कई खेलों को लीग आधार पर आयोजन से असफलता मिली लेकिन आधुनिक मीडिया के माध्यम से लीग मैच का प्रसारण करके इंडियन प्रीमियर लीग एक अप्रैल 2008,12 अक्टूबर 2014 से फुटबाल का इंडियन सुपर लीग और 20 मई 2014 से प्रो कबड्डी लीग की शुरुवात हुई जो सफलता पूर्वक लगातार जारी है। हमारे देश के खेलप्रेमियों के बीच में लीग लोकप्रिय हैं क्योंकि इसके मुकाबले बड़ी तेज गति से खेले जाते और रोचक होते हैं। भारत के राजू दभाड़े ने पुणे में 2003 से 2004 के बीच रोल बाल खेल का अविष्कार किया। यह खेल 21वीं सदी में भारत का सबसे तेजी से लोकप्रिय होता खेल है।अब यह खेल भारत से करीब 16000 कि.मी. दूर अर्जेंटीना तथा 12000 कि.मी. दूर न्यूजीलैंड सहित विश्व के 57 देशों में पहुंच चुका है। रोलबाल का एक मैच 6-6खिलाडिय़ों द्वारा स्केट्स पहनकर खेला जाता है जिससे यह खेल बहुत तेज हो गया है और दर्शकों में रोमांच पैदा करता है। 20-20 मिनट की खेल अवधि भारी कशमकश के बीच गुजर जाती है। अब रोलबाल की लीग की शुरुवात आगामी कुछ दिनों में होने जा रही है। इस खेल की रफ्तार व तकनीक इसकी प्रसिद्धि का कारण है।