छत्तीसगढ़

गुमास्ता के पालन में छोटे दुकानदारों ने बंद रखा कारोबार

पत्थलगांव । गुमास्ता के पालन मे आज छोटे दुकानदारो ने अपना व्यवसाय पूर्णत: बंद रखा,परंतु बडे व्यवसायियों के यहा कार्यरत कर्मचारीयों को राहत नही मिल पायी। नगर पंचायत ने मंगलवार की पूर्व संध्या पर गुमास्ता एक्ट के पालन को लेकर व्यवसायियों से प्रतिष्ठान बंद करने की अपिल कर दी थी,जिसका अच्छा खासा असर देखने को भी मिला। शहर की 90 प्रतिशत दुकानें बंद दिखायी दी,परंतु उनके बीच बडे व्यवसायियों ने आधा शटर उठाकर पूर्व दिनो की भांति ही अपना व्यवसाय सुचारू रखा,जिसकी शहर मे दिनभर चर्चा भी होती रही। लोगो का मानना था कि जब छोटे दुकानदार जिनकी रोजी रोटी प्रभावित हो रही थी उन दुकानदारो ने अपने दुकानो के शटर सुबह से ही बंद रखे तो बडे दुकानदार एक्ट का उल्लंघन क्यो कर रहे है। लोगो ने कहा कि बडे व्यवसायी गुमास्ता एक्ट का उल्लंघन के साथ-साथ व्यवसायियों की संस्था छ.ग. चेंबर ऑफ कामर्स के फैसले का भी अपमान किया है। दरअसल आज यहा के कुछ बडे व्यवसायियों ने पूर्व दिनो की भांति ही अपना व्यवसाय जारी रखा। उनके द्वारा अपने प्रतिष्ठानो के सामने कर्मचारी तैनात कर रखे थे,ग्राहक देखते ही ये कर्मचारी उसे दुकान के अंदर ले जाकर खरीददारी करवा रहे थे,उसके बाद ये उसे बकायदा शटर उठाकर बाहर निकाल दे रहे थे,ऐसा कुछ बडे दुकानदारो के यहा दिनभर चलता रहा,जिसकी शहर मे भी दिनभर चर्चा होती रही,ऐसे दुकानदार शहर के लोगो के बीच मजाक का पातर्् भी बन रहे थे। प्रशासन की आंखो मे झोंकी धूल-यहा के कुछ जिददी एवं लालची दुकानदारो ने नगर पंचायत के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन की आंख मे धूल झोंकने मे भी कोई कसर बाकी नही छोडी। दरअसल आज गुमास्ता एक्ट का पालन कराने के लिए पुलिस के साथ नगर पंचायत के कर्मचारी घुमकर खुले प्रतिष्ठानो को बंद करा रहे थे। कुछ बडे दुकानदारो ने उनकी आंखो मे धूल झोंकने का प्रयास किया। ये प्रशासनिक अमले को सामने देखकर अपने प्रतिष्ठान के शटर कुछ देर के लिए गिरा दे रहे थे। उनके आगे बढते ही ये व्यवसायी पुन: शटर उठाकर आम दिनो की भांति ही अपना व्यवसाय संचालित कर रहे थे।।
युवको ने की निंदा-:गुमास्ता एक्ट के पालन मे छोटे दुकानदारो द्वारा अपने व्यवसाय बंद रखे गये,परंतु बडे व्यवसायियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद करना उचित नही समझा,जिसे देखकर शहर के युवाओ का एक बडा वर्ग ने ऐसे व्यवसायियों की निंदा भी की है। युवा व्यवसायी संजय तिवारी,मोनू अग्रवाल का कहना था कि एक दिन के बंद से स्वयं के साथ-साथ कार्यरत कर्मचारीयों को भी राहत पहुंचायी जा सकती है,उसके अलावा व्यस्त एवं भागदौड की जीवनशैली से कुछ समय निकालकर अपने परिवार के साथ बिताते हुये आनंद की अनुभूति मिलती है,परंतु उसके बाद भी यहा के कुछ धनाढय व्यवसायियों द्वारा गुमास्ता एक्ट के प्रति ईमानदारी नही दिखायी जा रही।।कुमार गुप्ता ने मांग पत्र सौंपा ।

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