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छत्तीसगढ़

सौ साल के इंतजार के बाद गांव वालों को मिलेगी अब पक्की सड़क

पत्थलगांव । सौ साल के लंबे इंतजार के बाद नारायणपुर के लोगो को नयी सडक की सौगात मिल रही है। नयी सडक की स्वीकृति मिलते ही गांव के लोगो की आंखो मे खुशी छलक पडी। स्वीकृति के रोज से ही गांव मे हर रोज उत्सव मनाया जा रहा है,550 लोगो की आबादी का गांव नारायणपुर 1921 के दशक मे अस्तित्व मे आया था। उस समय कुल 5 घर हुआ करते थे,जिसकी आबादी 25 से 30 लोगो की थी,अब गांव मे 50 से अधिक परिवार निवास करते है। यहा की आबादी अब 550 के लगभग की है। यहा रहने वाले अधिकंाश परिवार का रोजगार गौपालन से चलता है,सुबह होते ही सभी घरो से लोग दुध बेचने शहर की ओर आते है,सौ साल तक उन लोगो ने किलकिला से नारायणपुर तक की पक्की सडक के लिए काफी जदोजहद करी। 1975 के दौरान किलकिला से नारायणपुर तक मिटटी एवं मुरूमीकरण का कार्य कराया गया था,परंतु यह कार्य यहा रहने वाले लोगो को ज्यादा सुविधा नही पहुंचा पाया। बरसात के दिनो मे सडक की हालत खराब हो जाने के कारण जहा इस गांव के लोगो का व्यवसाय प्रभावित होता था,वही पांच वर्ष पूर्व एक तीन साल के बच्चे ने भी चिकित्सा सुविधा के आभाव मे दम तोड दिया था,यह घटना नारायणपुर के लोगो को काफी विचलित की थी,जिसके बाद से वहा के लोग पक्की सडक के लिए हर रोज किसी न किसी अधिकारी या फिर नेताओ की चौखट झांक रहे थे। 101 वर्षो का लंबा समय के बाद आखिर वह दिन आ ही गया जब नारायणपुर के लोगो की पथराई आंखो मे खुंशिया छलक पडी। विधायक रामपुकार सिंह एवं गांव के सरपंच कमील साय की पहल के बाद मुख्यमंत्री सुगम सडक योजना के तहत गांव को साढे तीन किलोमीटर की साढे तीन करोड की लागत से बनने वाली पक्की सडक मिलने जा रही है।।
दो पीढी ने देखे पक्की सडक के सपने- नारायणपुर मे रहने वाले 85 साल के रूपनराम यादव,डमरूधर यादव,कनहई राम खुंटिया अपनी बात रखते हुये कहते है कि उनके पैदा होने से पूर्व ही गांव अपने अस्तित्व की सांस ले चुका था,किलकिला से नारायणपुर तक कच्ची सडक रहने के कारण यहा के लोग हमेंशा असुविधा मे गुजर बसर किये,परंतु पुस्तैनी काम गौपालन एवं दुध बेचना रहने के कारण उन्हे हर हाल मे सुबह गांव से शहर दुध बेचने जाना पडता है। उन्होने बताया कि वर्ष 2020 मे गांव वालो की मांग के बाद किलकिला के सरपंच कमील साय ने प्रस्ताव बनाकर नयी सडक की स्वीकृति के लिए विधायक के पास अपनी बात रखी,जिसके बाद पत्थलगांव विधायक रामपुकार सिंह ने पक्की सडक के लिए पहल शुरू करायी।।
गाय के दूध से तौले विधायक को-:1921 के दौरान बसा गांव नारायणपुर के अधिकांश घरो मे गौपालन का काम किया जाता है,उनकी दिनचर्या सुबह गौवंश की सेवा के साथ शुरू होकर शहर के लोगो तक दुध,दही,पनीर पहुंचाना है। पैतृक काम दुध बेचने का रहने के कारण ग्रामवासीयों ने विधायक रामपुकार सिंह को गाय के दुध से तौलकर उनका सम्मान किया। विधायक रामपुकार सिंह कहते है कि अनेक जगहो पर उन्हे अनेक सामानो से तौला गया,परंतु शांति के प्रतिक सफेद रंग के दुध से स्वयं का वजन कराना उनके लिए एक गौरांवित पल के साथ-साथ यादगार आयोजन होगा।।

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