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छत्तीसगढ़

आदिवासी अंचल में शासन की शिक्षा योजना का लाभ नहीं मिल रहा

पत्थलगांव । आदिवासी अंचल की शिक्षा मे सुधार लाने के लिए राज्य सरकार नीत नयी योजनाओ को क्रियान्वित कर रही है,परंतु शिक्षा विभाग के अधिकारी अमले की कारगुजारी के कारण शासन की योजना इस अंचल मे आकर बेकार साबित हो रही है। योजनाओ मे भ्रष्ट्राचार की नींव रखने के कारण शुरूवाती दौर मे ही उन पर दाग लगने शुरू हो जाते है,इन दिनो राज्य शासन अपनी महत्वकंाक्षी योजना अंतर्गत शासकीय स्कूलो मे बालवाडी बनाने का काम कर रहा है,परंतु यह योजना के धरातल मे आने से पूर्व ही संबंधित अधिकारीयों ने इसकी नींव मे नमक डालने का काम कर दिया है। जिले के आठ ब्लाको मे चल रही इस योजना मे धांधली की खबरे अब आम हो चुकी है। पेंटरो के माध्यम से बी.आर.सी.सी के जिम्मेदार लोग बालवाडी की आड मे मोटा कमीशन ले रहे है,कमीशन के कारण बालवाडी के काम मे गुणवत्ता की पूर्णत: अनदेखी हो चुकी है,यही कारण है कि प्रधानपाठको ने विरोध के स्वर तेज कर दिये है,प्रधानपाठक अब भ्रष्ट्राचार में जिम्मेदार अधिकारीयों पर कार्यवाही ना होता देख राज्य शासन तक अपनी बात पहुंचाने का मन बना चुके है। दरअसल शिक्षा विभाग मे इन दिनो राज्य शासन की अनेक महत्वकांक्षी योजनाओ के तहत कार्य कराये जा रहे है,परंतु ब्लाक मे इन योजनाओ की नींव काफी कमजोर खडी हो रही है। अनुदान राशि मे बी.आर.सी.सी कार्यालय मे बैठे अधिकारीयो द्वारा कमीशन लेने का मामला अभी ठीक से थमा भी नही था कि यहा के बी.आर.सी.सी कार्यालय मे एक बार पुन: कमीशन की आड मे बालवाडी का काम भ्रष्ट्राचार की भेंठ चढ गया। प्रधानपाठक इस बात का विरोध तो कर रहे है,परंतु शायद उनके विरोध को सुनने वाला कोई रह नही गया है। प्रधानपाठको ने स्कूलो मे थमाये जा रहे बगैर जी.एस.टी के बिल पर भी आपत्ति दर्ज करी है।।
कमीशन को लेकर पेंटर से हुयी झडप-:सत्य को साक्ष्य की जरूरत नही पडती। कहते है कि दोषी स्वयं ही अपने गुनाहो की गवाही किसी के माध्यम से तैयार कर देते है,ऐसा ही कुछ मामला दो दिन पहले यहा के बी.आर.सी.सी कार्यालय मे भी घटित हुआ,जब विजय आर्ट के संचालक विजय साहू द्वारा दो बालवाडी का काम करने के बाद प्रधानपाठक द्वारा भुगतान किये गये 35 हजार रूपये की रकम मे से 14 हजार रूपये बतौर कमीशन देने बी.आर.सी.सी कार्यालय पहुंचे तो वहा के एक बाबु के साथ उनकी काफी तिखी नोक झोंक हो गयी,जिसके बाद पेंटर ने बी.आर.सी.सी कार्यालय की पोल खोलते हुये उनके साथ हुयी झडप की शिकायत थाना मे देने की बात कही।।
उच्च अधिकारीयों की मेहनत पर फेर रहे पानी-:आदिवासी अंचल जशपुर जिला शिक्षा एवं चिकित्सा के नाम से काफी पिछडा हुआ है। वर्तमान मे पदस्थ जिला कलेक्टर डॉ रवि मित्तल एवं जिला पंचायत सी.ई.ओ जितेन्द्र यादव द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र मे निरंतर कार्य कर रहे है,परंतु शिक्षा विभाग के अधिनस्थ अधिकारी अपने उच्च अधिकारीयों की मंशा को भी धूमिल करने की कोई कसर नही छोड रहे,जिस प्रकार शिक्षा विभाग मे एक के बाद एक योजनाओ पर कालिक पोतने का काम हो रहा है,ऐसे मे वह दिन दूर नही जब शासन की मंशा के साथ-साथ उच्च अधिकारीयों की सोच एवं आदिवासी अंचल के बच्चो की शिक्षा पर भी ग्रहण लग जायेगा।।
-मामला संज्ञान मे है,जांच में दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी।
हेमंत उपाध्याय-संयुक्त संचालक-सरगुजा संभाग

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