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खेल – मनोरंजन

मौत के मुंह से निकलना भी मुसीबत

कार दुर्घटना में ऋषभ पंत की जान बची लेकिन इसके बाद जीना हुआ मुश्किल

जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
मनुष्य को ईश्वर से प्राप्त जिंदगी अनमोल है। मानव को प्रभु ने अलग-अलग प्रतिभा से भरपूर किया है।कोई चित्रकार, संगीतकार, गायक कुछ वैज्ञानिक, लेखक, कलाकार, शिक्षाविद, चिकित्सक, अभियंता खिलाड़ी आदि बनते हैं। खेलकूद चूंकि जीवन का एक अंग है जिसके द्वारा शारीरिक रूप से चुस्त दुरुस्त रहा जा सकता है। अत: जिंदगी के किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए उसका अपना महत्व है। अगर हम खेलों की बात करें तो हमारे देश में क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन, हाकी, भारोत्तोलन, तीरंदाजी, कुश्ती, मुक्केबाजी, फुटबाल, शतरंज, निशानेबाजी ये कुछ ऐसे खेल हैं जिनके अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को बहुत लोकप्रियता मिलती है।
जीवन की राहों में कई उतार चढ़ाव आते हैं। इस दौरान खेल मैदान से बाहर कुछ अप्रत्याशित घटना से किसी भी ख्याति प्राप्त खिलाड़ी की ओर भी ध्यान जाता है। इन दिनों भारत के युवा क्रिकेट खिलाड़ी ऋषभपंत खेलकूद क्षेत्र के मीडिया में छाये हुए हैं। जब वे अपनी मां और परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए कार से हरिद्वार जा रहे थे तभी अचानक उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। चमत्कारिक ढंग से वे इस हादसा से बच गये। परंतु उसके बाद जो कुछ हो रहा है उस पर ध्यान देने से स्पष्ट है कि इस घटना का लाभ कई मतलब परस्त लोगों द्वारा उठाया जा रहा है। ऋषभ के माध्यम से अपने-अपने उत्पाद को प्रचारित प्रसारित करने वाली संस्थाएं बेहद सक्रिय है। उनका प्रयास है कि ऋषभ से संबंधित समाचार चाहे वह घटना से संबंधित हो या उनके द्वारा सिर्फ 25 वर्ष की उम्र में प्राप्त उपलब्धि की जानकारी हो उसको मीडिया द्वारा अधिक से अधिक स्थान दिए जाने की कोशिश की जा रही है। इसी वजह से पिछले कुछ दिनों से दुर्घटना के कारण उनके शरीर में लगे चोट, फिर उसके इलाज आदि की जानकारी मीडिया द्वारा दी जा रही है। दूसरी तरफ समाज के अन्य क्षेत्र के प्रमुख लोग, विशिष्टजन उनसे मिलने अस्पताल आ रहे हैं। घायल अवस्था में ऋषभ के साथ फोटो लिया जा रहा है। याने हर कोई अपने आपको ऐसा बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वे उनके शुभचिंतक हैं। इस तरह के प्रयास से बीमार व्यक्ति पर क्या असर पड़ता है इस बात की कोई चिंता नहीं है।
मेडिकल साइंस में मरीज से मिलने का समय निर्धारित होता है। विशिष्टजनों द्वारा ऋषभ से मिलने, देखने की चाहत के कारण अस्पताल के चिकित्सक व सहयोगी स्टाफ इन दिनों अत्यंत चिंतित है क्योंकि इसके किसी व्यक्ति का इंफेक्शन ऋषभ को लग सकता है। फिर उनको जितने आराम की जरूरत है वह भी ऋषभ को नहीं मिल पा रहा है। आखिरकार परिजनों द्वारा इस बात पर कड़ी आपत्ति उठाई गई तब कहीं जाकर आंगतुकों पर रोक लगी है। इसके अलावा एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात यह है कि आज सेलीब्रिटी को आम लोग,उनके समर्थक सामान्य जीवन जीने नहीं देते। ऋषभ अपनी मां से परिवार के अन्य सदस्यों से मिलना चाहते थे वे चाहे तो दिल्ली से देहरादून आसानी से वायुयान से जा सकते थे परंतु प्रशंसकों की भीड़ इतनी अधिक हो जाती है कि लोग उन्हें घेर लेते। यही वजह है कि वे चुपचाप अकेले गोपनीय ढंग से कार द्वारा रवाना हुए। मगर ऐसा नहीं करते तो वे अपने परिजनों को ठीक से समय नहीं दे पाते। मीडिया व उनके चाहने वाले उनसे मिलने, बात करने के लिए मजबूर करते हैं। अत: इस दुर्घटना के लिए इस पक्ष को भी ध्यान में रखना चाहिए और समझना चाहिए कि सेलीब्रिटी की भी अपनी जिंदगी होती है।

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