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खेल – मनोरंजन

भारत में 2036 के ओलंपिक खेलों की बढ़ी संभावना

2023 में खेली जा रही 19वें एशियाड में भारतीयों का अविस्मरणीय प्रदर्शन

जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
23 सितम्बर से 8 अक्टूबर 2023 तक चीन के हांगझोऊ में खेली जा रही 19वें एशियाई खेलों में भारतीय खिलाडिय़ों ने शुरू से ही शानदार प्रदर्शन का जो सिलसिला आरंभ किया है वह खेल के 14वें दिन भी जारी रहा। उल्लेखनीय बात यह है कि इस एशियाड में सौ के पार के लक्ष्य से विभिन्न खेलों के खेल स्थानों में भारतीय प्रतिभागी मुकाबले के लिए उतरे और उन्होंने अपने साहसिक खेल के द्वारा मुकाम को प्राप्त कर लिया। इस बहुखेल प्रतियोगिता के चौदहवें दिन जैसे ही यह समाचार आया कि भारत ने अपने चमकते खेल सितारों के दम पर 25 स्वर्ण, 35 रजत, 40 कांस्य पदक सहित 100 पदक जीत लिया है हमारे देश में चारों तरफ खुशी की लहर दौड़ गई। 100 पदक जीत लेने की सोच आसानी से एक प्रतिभागी के दिल-ओ-दिमाग में नहीं आती लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत को खेलों का बादशाह बनाने के सपने ने हमारे युवा खिलाडिय़ों में जोश भर दिया। एक अच्छा विश्व स्तरीय प्रतिभागी बनने के लिए व्यवस्थित प्रशिक्षण, अधोसंरचना, खान-पान, अत्याधुनिक खेल सामग्री अत्यंत आवश्यक है। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले भारत सरकार के खेल बजट को जो कि 2012-13 में 550 करोड़ के आसपास थी उसे 2023-24 में सिर्फ खेल विभाग के लिए लगभग 2200 करोड़ कर दिया। इसके साथ ही भारत के इतिहास में पहली बार कर्नल राज्यवद्र्धन सिंह राठौर जैसे 2004 के एथेंस ओलंपिक में निशानेबाजी के रजत पदक विजेता ओलंपियन को भारत का खेल मंत्री नियुक्त किया। वस्तुत: प्रधानमंत्री द्वारा 2014 के बाद उठाये गये उपरोक्त दो निर्णय ने भारत के खेल जगत की दिशा व दशा को बदल दिया। भारत के खेल विभाग के अधिकारियों और भारतीय खेल प्रािधकरण के अधिकारियों ने उदयीमान तथा वर्तमान खिलाडिय़ों के लिए अनेक हितकारी कदम उठाये। इसमें खेलों इंडिया टाप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) एक्सीलेंस स्पोट्र्स सेंटर की शुरुआत प्रमुख है। प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों का चयन ईमानदारी से जमीनी स्तर से करना आरंभ हुआ। खिलाडिय़ों के चयन प्रक्रिया को पहले से घोषित करके खुली स्पर्धा का आयोजन किया गया जिससे नन्हें उदयीमान खिलाडिय़ों का पता चला। फिर उन्हें चुनकर कठोर प्रशिक्षण दिया गया, इस दौरान उनके उचित खान-पान के लिए आहार विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट, जिम, ट्रेनर तथा खेल के ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक उपलब्ध कराए गए। इसके साथ ही भारत में खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स तथा राष्ट्रीय खेलों का क्रमवार आयोजन सुनिश्चित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे प्रतिभागियों की क्षमता को जांचने के लिए उनके विदेश दौरों का आयोजन किया गया। गहन व सटीक प्रशिक्षण के लिए कई खेलों के प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को विदेश में प्रशिक्षण देने के लिए भारत सरकार ने आर्थिक मदद की। राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं में जीतने वाले प्रतिभागियों को नियमित रूप से प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया। 2014 के बाद से पिछले करीब नौ वर्षों में लगातार यह सब कुछ करने का परिणाम है कि हमारे देश के नौजवानों ने 19वें एशियाड में सौ के पार के संकल्प को साबित किया। इस उपलब्धि के पीछे वर्तमान केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ खेल प्रशासकों का मार्गदर्शन का भी महत्वपूर्ण है। एशियाई खेलों में 2014 के 57, 2018 के 70 पदकों के कीर्तिमान को ध्वस्त करने वाले सभी खिलाडिय़ों के साथ उनके अभिभावक भी बधाई के पात्र हैं। 2023 की यह उपलब्धि उदय होती भारत की नई विश्व शक्ति का प्रतीक है। 2024 के पेरिस ओलंपिक में 25 पदाकें के लक्ष्य के साथ उतरना श्रेयस्कर होगा और 2036 के ओलंपिक खेल भारत में कराये जाने का संकल्प लेना होगा।

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