भारतीय खिलाड़ी विश्व में जमा रहे धाक
खेलकूद की कई गतिविधियों की यादें छोड़ गया 2022, कहीं खुशी, कहीं गम
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक प्रत्येक एक वर्ष की अवधि में मानव सभ्यता के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक हलचल होती है। खेलकूद का अपना संसार है। यहां पर ओलंपिक खेलों की,नान ओलंपिक खेलों की लगभग हर राष्ट्र में स्थानीय स्तर से राष्ट्रीय फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्पर्धाएं होती हैं।
प्रतिभाशाली खिलाड़ी उभरकर आते हैं। कुछ वरिष्ठ एथलीट खेलों की दुनिया को अलविदा कह जाते हैं। 2022 की प्रमुख खेल गतिविधियों में विश्वकप फुटबाल का कतर में सफल आयोजन यादगार बन गया। उतार-चढ़ाव भरे मुकाबले में 36 वर्षों बाद अर्जेंटीना विजेता बनी। 2018 की चैंपियन फ्रांस लगातार दूसरी बार फायनल में पहुंची। मोरक्को जैसे अफ्रीकी देश ने सेमीफायनल में जगह बनाई। इस प्रतियोगिता में भले ही लिओनेल मैसी ने पांचवी बार 2006, 2010, 2014, 2018, 2022 में भाग लेकर रिकार्ड बनाया और सर्वश्रेष्ठ फुटबालर का खिताब पाया लेकिन फ्रांस के कीलिएन मबापे ने सर्वाधिक आठ गोल ठोक कर गोल्डन बूट अवार्ड जीता और अपनी प्रतिभा को दिखलाते हुए सिर्फ दो विश्वकप फुटबाल स्पर्धा में 12 गोल दाग चुके हैं। मबापे आने वाले समय में फुटबाल के प्रमुख सितारा खिलाड़ी की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। बहुस्पर्धा वाले 2022 में सम्पन्न टूर्नामेंट राष्ट्रमण्डल खेलों में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय प्रतिभागियों ने 22 स्वर्ण, 16 रजत तथा 23 कांस्य पदक लेकर, पदक तालिका में भारत ने चौथा स्थान प्राप्त किया। कुश्ती में सर्वाधिक 12 पदक, भारोत्तोलन में 10 पदक साथ ही मुक्केबाजी में 7 पदक जीतकर भारतीय खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप भारतीय खेल प्राधिकरण और अन्य खेल प्रशिक्षण केंद्रों में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए जो कुछ भी राशि व्यय की जा रही है वह व्यर्थ नहीं जा रही है।
36वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की जिम्मेदारी को अचानक गोवा से गुजरात स्थानांतरित कर दिया गया परंतु सिर्फ 100 दिनों में जिस तरह इन खेलों का सफल आयोजन गुजरात में हुआ वह दूसरे प्रदेश के खेलकूद स्पर्धा के आयोजनकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत है। 36वें राष्ट्रीय खेलों के सुव्यवस्थित सम्पन्न हो जाने से 2036 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के भारत/गुजरात में आयाजित होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस दृष्टि से 36वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन आने वाली युवा पीढ़ी के लिए यादगार साबित होगा। 36वें राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ की प्रतिभा सम्पन्न शटलर आकर्षि कश्यप ने बैडमिंटन जबकि स्केटिंग में अमितेश मिश्रा ने स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों ने तलवारबाजी, कैनोइंग और कयाकिंग, मलखंब, साफ्ट टेनिस, साफ्ट बाल में भी पदक जीते। इनमें से मलखंब और साफ्ट बाल में महिला/पुरुष दोनों ही वर्गों में हमारे प्रतिभागियों ने पदक जीता। मलखंब में सुदूर वनांचल नारायणपुर क्षेत्र के ग्रामीण अंचल के अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं ने कमाल का प्रदर्शन किया। डीडी स्पोर्ट्स के कमेंटेटर रूप में पूरे देश से चुने गये करीब 42 कमेंटेटर में से छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ स्वतंत्र खेल पत्रकार और छत्तीसगढ़ के पहले व एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय खेल कमेंटेटर जसवंत क्लाडियस का मलखंब व तीरंदाजी के लिए चयन गौरव की बात है। टेनिस की दुनिया से महान महिला खिलाड़ी सेरेना विलियम्स का संन्यास लेना खेलप्रेमियों के लिए सनसनीखेज समाचार रहा। टी-20 विश्व कप में भारत का सेमीफाइनल में इंग्लैंड के हाथों बुरी तरह पराजय अफसोसजनक रहा। 19वीं एशियाई खेलों पर कोविड-19 संकमण की मार पड़ी और इसे 2023 तक के लिए स्थगित करना पड़ा। 2022 में भारोत्तोलक मीराबाई चानू, पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगट, मुक्केबाज निकहत जरीन, शटलर पीवी सिंधु, भालाफेंक के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा आदि प्रमुख रूप से छाये रहे। भारत के खेल इतिहास में क्रांतिकारी परिवर्तन लाते हुए भारतीय ओलंपिक संघ की बागडोर पहली बार महान महिला एथलीट,सांसद पीटी उषा जैसे खिलाड़ी के हाथों में सौंप दिया है। इससे खिलाड़ियों के चयन, प्रशिक्षण में पारदर्शिता आएगी। उम्मीद है कि भारत के खिलाड़ी विश्व में अपना जलवा बिखेरेंगे।