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छत्तीसगढ़

भाजपा का अभियान मोर आवास-मोर अधिकार से घबराई प्रदेश सरकार:देवेंद्र

महासमुंद। मोर आवास मोर अधिकार के तहत गांव-गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों से मुलाकात कर अधूरे आवासों को पूर्ण कराने तथा आवास के शेष किस्तों की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा चला जा रहे अभियान व आगामी समय में होने वाले आंदोलन से घबराकर प्रदेश के भूपेश सरकार ने अंतत: पीएम आवास योजना के तहत रोके गए किस्तों को जारी किया है। उक्त बातें भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक देवेंद्र चंद्राकर ने कही।देवेंद्र चंद्राकर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक प्रमुख योजना प्रधानमंत्री आवास योजना को भूपेश सरकार द्वारा पिछले चार सालों से दबा कर रखा गया। गरीबों को योजना के लाभ से वंचित रखा गया। अब भारतीय जनता पार्टी द्वारा गरीब हितग्राहियों की सुध लेते हुए मोर आवास-मोर अधिकार अभियान के तहत गांव-गांव जाकर हितग्राहियों से उनके अधूरे आवास की जानकारी लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने की प्रक्रिया चल ही रही थी कि कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने गरीबों के आक्रोश को दबाने व भाजपा द्वारा आंदोलन के पूर्व ही घबराकर आनन-फानन में अधूरे आवास के शेष किस्त जिन्हें प्रथम किस्त मिला उन्हें द्वितीय, द्वितीय किस्त वालों का तृतीय तथा तृतीय किस्त वालों का चौथे किस्त डाला है।
देवेंद्र ने कहा कि अपने आपको गांव-गरीब-किसान का सरकार कहने वाला छग के भूपेश सरकार यदि गरीबों की हितैषी है तो पिछले चार सालों से पीएम आवास योजना के हितग्राहियों के खाते में राशि क्यों नहीं डाल पाया। केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 15 लाख आवासों में 11 लाख आवास को निरस्त कर 4 लाख ही स्वीकृत किया, उन्हें भी राशि नहीं मिली। पिछले चार साल के दरमियान वह हितग्राही जिन्हें पीएम आवास स्वीकृत किया गया, उन्हें प्रथम, द्वितीय किस्त देकर शेष राशि जारी ही नहीं की गई। वे हितग्राही आवास बनने के आस में अपने झोपड़ी तोड़कर निर्माण कार्य तो शुरू कर लिए, लेकिन शेष किस्त छग के कांग्रेस सरकार द्वारा रोके जाने से उनका पक्का आवास का सपना अधूरा ही रह गया। गर्मी, बारिश, सर्दियों के मौसम में तालपतरी तान कर अधूरे आवासों में रहना पड़ा। चंद्राकर ने कहा कि अनेक हितग्राही तो ऐसे भी हैं जिन्होंने अधूरे आवासों को इस आशा और विश्वास के साथ कर्ज लेकर पूरा कर लिया कि किस्त आते ही उधारी चुका देंगे। लेकिन, चार सालों से राशि नहीं मिलने से ऐसे हितग्राही साहूकार व दुकानदार को ब्याज देते-देते थक गए और कांग्रेस सरकार को कोसते रहे। अनेक हितग्राहियों ने व्यापारियों से छड़, सीमेंट, रेत, गिट्टी तक कर्ज लेकर खरीदे, जो राशि नहीं मिलने की वजह से रेत पानी में बह गए, सीमेंट पड़े-पड़े पत्थर हो गए। उन्होंने कहा कि गरीबों को हुए इस नुकसान की भरपाई छग के भूपेश सरकार को करनी चाहिए। प्रत्येक हितग्राहियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उनके खातों में 30-30 हजार रुपए डाला जाए। भाजपा सहकारी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक चंद्राकर ने आगे कहा कि ऐन चुनाव के साल भर पहले ही पीएम आवास का किस्त डालना गरीबों को आक्रोश को दबाने का असफल प्रयास है। गरीब हितग्राहियों को परेशान कर छग की भूपेश सरकार ने जो घृणित मानसिकता का परिचय दिया है, इसका खामियाजा आगामी विस चुनाव में कांग्रेस को भुगतना होगा।

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