छत्तीसगढ़

देखा गया हरे रंग का विलुप्त प्रजाति बेहद खास बम्बू पिट वाइपर सांप

भिलाई। विलुप्त प्रजाति का हरे रंग का बेहद खास, खूबसूरत और तीव्र जहरीला बम्बू पिट वाइपर सांप जंगल में मिला है। छत्तीसगढ़ में पाए गए बेहद खतरनाक इस पिट वाइपर सांप को लेकर विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये हैं। आदिवासी क्षेत्र में मिला हरे रंग के दुर्लभ प्रजाति का सांप इसलिए भी खास है कि इसका जहर कोबरा सांप से भी तीव्र बताया जा रहा है। सर्पों की दुनिया के जानकार इस सांप को बेहद जहरीला और खतरनाक बता रहे हैं। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जंगल क्षेत्र में आदिवासियों के कल्याण के लिए पिछले कई वर्षों से काम कर रहे समाजसेवी एवं वरिष्ठ साहित्यकार आईएस मनु ने शुक्रवार को अपने दौरे में हरे रंग के दुर्लभ प्रजाति के इस सर्प को देखा और तरुण छत्तीसगढ़ को फोटो शेयर किया। इस सर्प के विषय में नोवा नेचर से जुड़े स्नेक रेस्क्यूअर अजय कुमार ने बताया कि यह बम्बू पिट वाइपर प्रजाति का सर्प है जो आईयूसीएन की रेड लिस्ट में शामिल है। रंग हरा होने से ये सांप हरी घास और पत्तियों के बीच आसानी से छिप जाते हैं, ऐसे में शिकार को आभास ही नहीं होता। शिकार के नजदीक आने के साथ ही तेजी से हमला करता है और फिर शिकार को कब्जे में ले लेता है। पक्षी, मेंढक, चूहे, छिपकली आदि इनकी पसंदीदा खुराक हैं। इन सांपों का भोजन और दवाइयों के रूप में प्रयोग होता है। तस्करी के चलते पिट वाइपर के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। दुर्लभ होने से छत्तीसगढ़ में कहीं- कहीं बैंबू पिट वाइपर देखने को मिलते हैं। खासकर गरियाबंद, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, बस्तर आदि क्षेत्रों में इनकी मौजूदगी देखी गयी है। अजय ने बताया कि कुछ साल पहले भिलाई के ट्रांसपोर्ट नगर के समीप छावनी बस्ती में इस सांप का उन्होंने रेस्क्यू किया था। तब वह सांप एक घर में माकन मालिक के पैंट में दुबका हुआ था। वह किसी ट्रक आदि के माध्यम से यहाँ पहुँच गया होगा। छत्तीसगढ़में इसे सुआ पंखी सांप भी कहते हैं। छत्तीसगढ़ के जंगलों में कई प्रकार के दुर्लभ जीवों का बसेरा है। इसमें नहीं भी तो सरीसृप की ही करीब 300 से ज्यादा प्रजातियां हैं। दुर्लभ सांप बम्बू पिट वाइपर भारत में पाया जाता है। इसकी लंबाई 60 से 70 सेमी तक हो सकती है। ऐसे दुर्लभ प्रजाति के जीवों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार ने कई योजनाएं बनायीं हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं अनेक अवसरों पर दुर्लभ जीव-जंतुओं के संरक्षण की बात कही है । बम्बू पिट वाइपर प्रजाति के साथ ही अनेकों प्रजातियों के सर्प यहाँ मौजूद हैं। जीव-जंतुओं की इस महत्त्वपूर्ण सम्पदा का उपयोग राज्य के विकास में किया जा सकता है।

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