छत्तीसगढ़

कबड्डी की लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं विदेशो में भी तेजी से बढ़ रही है: एसपी

कवर्धा। कबड्डी खेल क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल जैसा ही एक लोकप्रिय खेल है। इस खेल में खेलने वाले खिलाड़ी की स्फूर्ति और एकाग्रता को परखा जाता है। कबड्डी खेल की लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी तेज़ी से बढ़ रहा है। क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल की तरह कबड्डी को भी प्रोफेशनल बनाने के लिए भारत में प्रो कबड्डी लीग का आयोजन किया जाता है ताकि यह खेल लोगो के बीच और भी लोकप्रिय हो। आज कबीरधाम पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव तरेगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत सुदूर वानांचल, नक्सल प्रभावित ग्राम धनवाही में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता के समापन समारोह में वनांचलवासियों, खिलाड़ियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान बोडला अनुविभागीय अधिकारी श्री जगदीश उइके उपस्थित थे।
थाना तरेगांव क्षेत्र अंतर्गत सुदूर वनांचल, नक्सल प्रभावित ग्राम धनवाही में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत ग्राम खेल समिति और कबीरधाम पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कबड्डी प्रतियोगिता के समापन समारोह में कबीरधाम पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुवे। पुलिस अधीक्षक के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने बैगा आदिवासियों के पारंपरिक तरीके बीरन माला से भव्य स्वागत किया। इस दौरान बैगा नृत्य की प्रस्तुति भी दी गई। कबड्डी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान ग्राम धनवाही, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले ग्राम तरेगांव जंगल के खिलाड़ी, टीम को पुलिस अधीक्षक ने शिल्ड, मोमेंटो और नगद राशि देकर सम्मानित किया। एसपी डॉ पल्लव ने मैन ऑफ द सीरीज विजेता राजेश यादव को यातायात जागरूकता के लिए हेलमेट प्रदान कर सम्मानित किया। पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने नागरिकों को दुर्घटनाओं से बचने के लिए यातायात नियमों का पालन करने कहा गया। उल्लेखनीय है कि कबीरधाम पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर के निर्देशन, उप पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव, श्री कौशल किशोर वासनिक ,पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बोड़ला जगदीश ऊईके के मार्गदर्शन में लगातार वनांचल गांवो, अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खेल का आयोजन एवं जन चौपाल लगाकर शैक्षणिक सामग्री, खेल सामग्री, लोगों की रोजमर्रा की दैनिक उपयोगी सामग्री वितरण किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक द्वारा ग्रामीणों की चौपाल लगाकर उनकी समस्या भी सुनते है और संबंधित विभाग से चर्चा कर निराकरण कराने का हर संभव प्रयास करते है।

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