छत्तीसगढ़

अब हरिशचंद्र का होगा बड़े अस्पताल में इलाज

देवभोग । जनहित के मुद्दे पर हमेशा खबर प्रकाशित कर अपनी छाप छोड़कर जनमानस की मदद करने की तरुण छत्तीसगढ़ की मुहिम लगातार जारी हैं। इसी क्रम में तरुण छत्तीसगढ़ की मुहिम का एक बार फिर असर देखने को मिला हैं। तरुण ने मंगलवार को बारह साल से एक ही आंख के भरोसे दुनिया देख रहा हरिश्चंद्र शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशन के एक घंटे बाद स्वास्थ विभाग की टीम हरकत में आ गई, बीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार रेड्डी ने खबर में संज्ञान लेकर अपनी टीम को मौके के लिए रवाना किया। मौके पर पहुंची टीम ने पीडि़त हरिश्चंद से मुलाकात की। इस दौरान उनसे पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी भी लिया। हरिशचंद्र ने बताया कि वर्ष 2006 में उन्होंने हेदराबाद में सर्जरी भी करवाया था। कुछ साल तक वे ठीक भी थे। इसके बाद अचानक फिर से मांस बढऩे लगा। हरिश्चंद्र ने मेडिकल टीम को यह भी बताया कि वे उनका इलाज करवाना चाहते हैं। मेडिकल टीम जब कहे, वे इलाज करवाने के लिए जाने को तैयार हैं। ज्ञात हो कि समाजसेवी आकाश प्रधान से मुलाकात के दौरान पीडि़त ने उन्हें वस्तुस्थिति की जानकारी दिया था। वहीं तरुण छत्तीसगढ़ ने माध्यम बनकर अपना पत्रकारिता का धर्म निभाकर उस खबर से शासन-प्रशासन को अवगत करवाया था।
जिला अस्पताल में होगी शुरुवाती जांच: बीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार रेड्डी ने बताया कि हरिश्चंद्र को जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा जाएगा। वहां आंख के डॉक्टर उनका जांच करेंगे। इसके बाद और भी जरूरी टेस्ट करेंगे। बीएमओ डॉक्टर रेड्डी के मुताबिक हरिश्चंद्र के दाहिने आंख के जाईगोबोम में सूजन होने के कारण मांस तेजी से बढ़ रहा हैं। जिसका पहले आपरेशन भी हो चुका है। आपरेशन के दौरान ही डॉक्टर ने बता दिया था कि यह समस्या फिर से उत्पन्न हो सकती हैं। यदि ऐसी समस्या फिर से उत्पन्न हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करे।
पीडि़त ने कहा धन्यवाद तरुण छत्तीसगढ़: पीडि़त हरिश्चंद्र के घर जब मेडिकल की टीम पहुंची और टीम ने उससे पूछताछ कर जब जानकारी मांगी, और बताया कि आपका इलाज उच्च सेंटर में होगा। इस दौरान हरिश्चंद्र भावुक हो गया। उसने तरुण छत्तीसगढ़ का धन्यवाद ज्ञापित किया। हरिश्चंद्र ने तरुण छत्तीसगढ़ के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हर रात नशे के सहारे गुजरती थी, लेकिन तरुण में खबर छपने के बाद राहत की उम्मीद जागी हैं। हरिश्चंद्र ने समाजसेवी आकाश प्रधान का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। जिनके प्रयास से हरिश्चंद्र की दु:ख भरी दास्तां की खबर शासन-प्रशासन तक पहुंची।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button