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छत्तीसगढ़

नगर में जहां-तहां लग रहे ठेले-गुमटियां, पालिका बनी मूकदर्शक

दंतेवाड़ा । एक ओर जिला प्रशासन दंतेश्वरी कॉरीडोर के भव्य निर्माण में लगी हुई है ताकि मंदिर परिसर समेत पूरे नगर को सुंदर एवं व्यवस्थित किया जा सके तो वहीं दूसरी ओर नगर पालिका प्रशासन की अकर्मण्ता के चलते नगर में ठेले खोमचे सड़कों पर जहां तहां लगाए जाने से नगर की व्यवस्था बिगड़ रही है। चौपाटी की जगह नहीं होने से बेतरतीब तरीके से ठेले गुमटियां लग रही है । जिम्मेदार पालिका के अधिकारी-कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं। गौरतलब है कि किसी भी शहर अथवा नगर की व्यवस्थित दुकानें तथा सफाई व्यवस्था की जवाबदेही नगर प्रशासन अर्थात नगर पंचायत/नगर पालिका एवं नगर निगम पर होती है। बात यहां दंतेवाड़ा नगर पालिका क्षेत्र की है। दंतेवाड़ा शहर की पहचान मां दंतेश्वरी देवी के नाम से है। शक्तिपीठ एवं एक धार्मिक नगरी होने के चलते यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में अगर शहर की व्यवस्था के प्रति नगर प्रशासन उदासीन बनी रहती है तो फिर सवाल खड़े होना लाजिमी है। नगर में आंवराभाटा से लेकर बैंक चौक तक लगने वाले ठेले, खोचमे एवं गुमटी की बात करें तो सैकड़ों की संख्या में नगर भर में ठेले गुमटियां लगती है। पालिका के पास इन ठेलों गुमटियों को लेकर कोई ठोस प्लानिंग नहीं होने से नगर में जहां मन करे वहां ठेले गुमटियां लगाई जा रही है जिससे शहर की व्यवस्था दिनों दिन खराब हो रही है। ठेले वाले जहां चाहे वहां सड़क किनारे तथा नो पार्किग जोन तक में ठेले खड़े कर अपना व्यवसाय कर रहे हैं जिससे हमेशा हादसों की आशंका बनी रहती है। जो जहां चाहे वहां अतिक्रमण कर रातों रात गुमटी खड़े कर दे रहा है। पालिका इन अतिक्रमण वाले गुमटियों को हटाने की कारवाई तक नहीं करती उल्टा पालिका के लोग ही अतिक्रमणकारियों को भीतर खाने से सह देते हैं। कायदे से शहर में चौपाटी के लिए एक अलग से जगह होनी चाहिए मगर ऐसा नहीं हो रहा। हाल ही में रेस्ट हाउस रोड में सड़क किनारे रेलिंग लगाए जाने से वहां से ठेले वालों को हटना पड़ा। अब इन ठेले व गुमटियों को कहां जगह देना है पालिका आज तक यही तय नहीं कर पाई है। लिहाजा ठेले गुमटी वाले बीते चार दिनों से यहां वहां भटक रहे हैं। पालिका अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं । अंबेडकर पार्क के सामने कुछ ठेले वालों को जगह दी गई है मगर बता दें कि ये जगह भी ठेले के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि लोग सड़कों पर ही बाईक एवं कार खडी कर गुचपुप व नाश्ता का लुत्फ उठाने जाते हैं ऐसे में मुख्य सड़क जाम होता है और हादसों की आशंका हर वक्त बनी रहती है। दूसरा यह कि अंबेडकर पार्क के सामने लग रहे ठेले नालियों के उपर लगाए जा रहे हैं जबकि नगर पालिका ने खुद ही कुछ दिनों पहले रेस्ट हाउस रोड से लेकर फरसपाल चौक तक नालियों पर दुकान लगाने वाले व्यापारियों पर कारवाई करते हुए दुकानों एवं अक्रिमण को हटवाया था। एक तरफ नालियों पर दुकान लगाने वालों पर कारवाई की जाती है तो वहीं दूसरी तरफ यही पालिका के लोग खुद ही नालियों पर ठेले गुमटी लगाने को कहते है। पालिका की यह दोहरी नीति समझ से परे है।

चौपाटी की व्यवस्था नहीं होने से ठेले गुमटी वाले ईधर उधर भटक रहे हैं और जहां मन कर रहा है वहां ठेले गुमटी लगाकर अपना व्यवसाय कर रहे हैं ऐसे में नगर की ट्रेफिक व्यवस्था पर इसका असर पड़ता है। नगर पालिका प्रशासन को चाहिए कि दंतेवाड़ा जिला प्रशासन से सीख लेते हुए प्लानिंग के साथ कार्य करे और शहर को व्यवस्थित करने में अपना योगदान दे। सही जगह का चुनाव कर स्थाई रूप से चौपाटी की व्यवस्था करे अन्यथा सड़क किनारे अथवा नालियों पर ठेले खोमचे लगने के चलते अगर कोई हादसा या जनहानि होती है तो इसकी पूरी जवाबदेही नगर पालिका प्रशासन की होगी।

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