आगे बढऩे के लिए करनी होगी कड़ी मेहनत
साउथ एशियन फुटबाल फेडरेशन चैंपियनशिप 2023, भारत नौवी बार विजेता
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
पूरी दुनिया में फुटबाल की चमक को बरकरार रखने के लिए 1933 में गठित इंटरनेशनल फेडरेशन आफ एसोसिएशन फुटबाल अर्थात फीफा की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। महिला, पुरुष, युवा वर्ग में फुटबाल की स्पर्धा के आयोजन से लेकर विभिन्न देशों के संगठन के कामकाज की देखरेख की जिम्मेदारी फीफा की है। निर्णायकों, प्रशिक्षकों, खिलाडिय़ों में अनुशासन और उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रतिबंधित दवाओं संबंधित जागरूकता आदि के लिए फीफा द्वारा समय-समय पर मदद और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। फीफा द्वारा आवश्यकतानुसार विश्व, महाद्वीपीय, क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित करने हेतु सारे कार्यक्रम तय किए जाते हैं। फीफा के द्वारा बनाये गये नियम कानून की वजह से आज संसार के 209 देश इसके सदस्य हैं। इन सदस्यों के बीच साल भर फुटबाल की स्पर्धाएं होती रहती हैं। इससे खिलाड़ी न सिर्फ फिट रहते हैं बल्कि पूरी टीम आने वाले टूर्नामेंट के लिए शारीरिक, मानसिक रूप से तैयार होती है। फीफा की इसी व्यवस्था के कारण भारत के बेंगलुरु स्थित कांतिरवा स्टेडियम में 21 जून से 4 जुलाई 2023 तक 14वीं सैफ चैंपियनशिप का आयोजन हुआ। यह स्पर्धा 1993 से प्रति दो वर्ष में एक बार सैफ के सदस्य देशों के बीच सम्पन्न होती है। 2023 में भारतीय फुटबाल टीम ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 14वीं साउथ एशियन फुटबाल फेडरेशन कप पर अपना कब्जा जमाया। भारत ने इसके पहले 1993, 1997, 1999, 2005, 2009, 2011, 2015, 2021 में इस खिताब को अपनी झोली में लाया था। फीफा की व्यवस्था के अनुसार प्रदर्शन के आधार पर विश्व वरीयता में भी परिवर्तन की संभावना बनी होती है। इस टूर्नामेंट में जिन टीमों ने भाग लिया उनके नाम और वर्तमान विश्व वरीयता 6 अप्रैल 2023 को इस प्रकार था- लेबनान (99), भारत (101), कुवैत (143), मालदीव (154), नेपाल (174), भूटान (185), बांग्लादेश (192), पाकिस्तान (195)। इस चैंपियनशिप में कुवैत तथा लेबनान ने पहली बार भाग लिया। एक टीम में 18 से 23 खिलाड़ी रखने का प्रावधान है। ग्रुप स्टेज के ग्रुप ए में भारत ने पाकिस्तान को 4-0, नेपाल को 2-0 से हराया जबकि कुवैत से 1-1 की बराबरी पर रहे और सेमीफायनल में जगह बनाई। जहां भारत ने लेबनान को 2-0 से जबकि फायनल में भारत ने कुवैत को पेनाल्टी में 5-4 से पछाड़कर कर विजेता बनने का गौरव प्राप्त किया। इस टूर्नामेंट भारत की ओर से फुटबाल के महान खिलाड़ी सुनील छेत्री ने सर्वाधिक 5 गोल दागे। उन्हें मोस्ट वेल्युबल प्लेयर का अवार्ड मिला। हमारे खिलाडिय़ों ने भले ही सैफ चैंपियनशिप पर कब्जा जमा लिया है लेकिन अभी और मेहनत, समर्पण की जरूरत है। भारतीय फुटबाल के इतिहास पर नजर डालने से स्पष्ट हो जाता है कि 1951 से 1962 तक फुटबाल में भारत के तत्कालीन खिलाडिय़ों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की। इस अवधि को भारतीय फुटबाल का स्वर्णकाल माना जाता है। 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक खेलों में हमारी टीम सेमीफायनल तक पहुंचकर चौथे स्थान पर थी। 1951, 1962 में भारत एशियाई खेलों की विजेता रही। इसके पश्चात हमारे देश के फुटबाल खिलाडिय़ों ने कोई बड़ी उपलब्धि प्राप्त नहीं की। फीफा द्वारा तय की गई विश्व वरीयता में भारत फरवरी 1996 में सर्वश्रेष्ठ 94वें स्थान पर जबकि मार्च 2015 में सबसे खराब 173वीं रैकिंग पर रही। भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री अब तक अधिक 112 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं जबकि सर्वाधिक 72 गोल भी उनके द्वारा दागे गए हैं। 29 जून 2023 को भारत की वरीयता 100 है। इस तरह के टूर्नामेंट को जीतने से उदयीमान, उभरते हुए खिलाडिय़ों में उत्साह का संचार होता है। अत: अच्छे प्रदर्शन की हमेशा कोशिश करनी चाहिए।