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खेल – मनोरंजन

महान खिलाडिय़ों की कब ली जाएगी सुध ?

भारत रत्न : विशिष्ट योग्यता रखने वालों का लगातार किया जा रहा है सम्मान

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
विभिन्न कार्य क्षेत्र में भारतीय नागरिक या फिर भारत के हित में विशिष्ट योगदान देने वाले विदेशी नागरिकों को भी भारत सरकार द्वारा नागरिक सम्मान से विभूषित किया जाता है। हमारे देश के संविधान में प्रदत्त प्रावधान के अनुसार चार नागरिक सम्मान क्रमश: भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की परम्परा रही है। इनमें से भारत रत्न सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। 2 जनवरी 1954 को इन पुरस्कार के दिए जाने की शुरुवात हुई थी। भारत रत्न आम तौर पर राजनेताओं, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदें, दार्शनिकों, कलाकारों, समाजसेवियों, चिकित्सकों, खिलाडिय़ों को दिये गये हैं। इनमें सबसे कम संख्या खिलाडिय़ों की है। क्रिकेट के सितारे सचिन तेंदुलकर को यह सम्मान 2014 में प्रदान किया गया था। उसके न तो पहले ना ही बाद में यह सम्मान किसी और को नहीं दिया गया है। क्रिकेट एक गैर ओलंपिक खेल है परंतु हमारे देश में वह सबसे लोकप्रिय खेल है। हालांकि कहा जाता है कि 1900 के पेरिस ओलंपिक के पश्चात क्रिकेट को नये प्रारूप में 2028 के लास एंजिल्स ओलंपिक खेलों में शामिल किया जाएगा। यह भी सच है कि 1900 से लेकर स्वतंत्रता प्राप्ति फिर उसके पश्चात् 2014 तक भारत के खिलाडिय़ों ने कई खेलों को छोड़कर विश्व स्तर पर कोई खास उपलब्धि हासिल नहीं की। इन सबके बावजूद ऐसा नहीं है कि हमारे खिलाडिय़ों ने समय-समय पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1900 के पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत के नार्मन प्रिचर्ड ने एथलेटिक्स में दो रजत पदक क्रमश: पुरुषों के 200 मीटर तथा 200 मीटर बाधा दौड़ में जीता। फिर हाकी में 1928, 1932, 1936 में पुरुष वर्ग का स्वर्ण पदक जीता। फिर स्वतंत्रता के पश्चात् 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक खेलों में भारत के खशाबा जाधव ने कुश्ती के बेंटमवेट वर्ग के फ्री स्टाईल इवेंट में कांस्य पदक जीता। फिर 1996 से लिएंडर पेस ने टेनिस में कांस्य जीता। तत्पश्चात 2020 टोक्यो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक तक लगातार भारत के खिलाड़ी पदक जीत रहे हैं। कुल मिलाकर बहु खेल स्पर्धा याने ओलंपिक, एशियाड, राष्ट्रमंडल, फेडरेशन की विश्व व महाद्वीपीय चैंपियनशिप आदि में भारतीय खिलाडिय़ों द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पदक जीतने का गौरव प्राप्त किया तो भारत की ओर से हॉकी में मेजर ध्यानचंद, टेनिस में लिएंडर पेस, मुक्केबाजी में एम.सी. मेरीकाम, कुश्ती में सुशील कुमार, बेडमिंटन में पी.वी. सिंधु भारत रत्न के दावेदार हैं। दूसरी तरफ गैरओलंपिक खेलों में शतरंज में विश्वनाथन आनंद को भारत रत्न से सम्मानित किया जा सकता है। भारत रत्न दिये जाने की परंपरा में 1999 के पश्चात तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में परिवर्तन आया और अधिक से अधिक सम्मानीय लोगों को भारत रत्न दिये जाने की शुरुवात हुई। 2014 के पश्चात इस क्रम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगे बढ़ाया और अब लगातार भारत के विभिन्न हस्तियों को रत्न नवाजा जा रहा है। अब तक दिये गये भारत रत्न पर नजर डालने से स्पष्ट है कि खेल के क्षेत्र में सबसे कम सिर्फ एक सचिन तेदुलकर को यह सम्मान मिला है। खेलों में विश्व गुरु बनने के लिए देश के लिए महान उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाडिय़ों को खेल रत्न दिया जाना चाहिए इससे खिलाडिय़ों को प्रेरणा मिलेगी और भारत का नाम खेल नक्शे में छा जायेगा।

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