छत्तीसगढ़

हनुमान मंदिर में तोडफ़ोड़ के मामले में जुर्म दर्ज

भिलाई । भिलाई शारदा पारा हनुमान मंदिर में तोडफ़ोड़ के मामले का विवाद में अब दो समुदाय आमने-सामने आ गए हैं। बीती रात इस मामले के दूसरे पक्ष ने भी छावनी थाना पहुंचकर एक पक्षीय कार्यवाही का विरोध प्रदर्शन किया। इस पक्ष के द्वारा अपने धार्मिक स्थल को भी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए छावनी थाने में ज्ञापन सौंपा गया। जिसके बाद पुलिस द्वारा अज्ञात लोगों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर कार्यवाही के लिए साक्ष्य जुटाया जा रहा है बीती रात छावनी थाना परिसर में फिर से बवाल मच गया। धर्म विशेष के लोग भीड़ के साथ छावनी थाना पहुंचे। इनके द्वारा एक दिन पहले मामले में हुई कार्यवाही को एकतरफा बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया। खबर मिलते ही एएसपी शहर संजय ध्रुव और आईपीएस प्रभात कुमार मौके पर पहुंचे और भीड़ को शांत कराने का प्रयास किया। मामला शांत नहीं होने की जानकारी मिलने पर एसपी शलभ कुमार सिन्हा भी छावनी थाना पहुंचे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दूसरे समुदाय द्वारा उनके धार्मिक स्थल को भी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया। मामले में छावनी थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध अपराध कायम कर लिया है। वहीं उनकी गिरफ्तारी के लिए पहचान व साक्ष्य जुटाया जा रहा है गौरतलब रहे कि एक दिन पहले ही रात के वक्त शारदा पारा हनुमान मंदिर में तोडफ़ोड़ करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोगों का मजमा छावनी थाना परिसर में लगा था। भाजपा और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने मंदिर में तोडफ़ोड़ करने वालों पर कार्यवाही की मांग रखी। जिसके बाद पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया। वहीं इस संवेदनशील मामले को देखते हुए बुधवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन दो सौ जवानों के साथ फ्लैग मार्च कर किसी भी तरह के अफवाह नहीं फैलाने का संदेश दिया था। इतना ही नहीं दिन भर शारदा पारा सहित पूरे कैम्प क्षेत्र के संवेदनशील मोहल्लों में पुलिस जवानों को एहतियातन तैनात रखा गया अभी भी बनी हुई है तनाव की स्थिति मंदिर में तोडफ़ोड़ को लेकर उपजे विवाद के चलते शारदा पारा सहित उसके आस-पास के इलाके में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने अधिनस्थ अधिकारी और जवानों को सजग रहने का निर्देश दिया है। दोनों समुदाय के लोगों पर पुलिस नजर रखे हुए है। इसके लिए पूरे इलाके में पुलिस जवानों को तैनात रखा गया है। वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा सोशल मीडिया में किसी भी तरह के आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड नहीं करने की समझाइश दी जा रही है अफवाह फैलाने वालों को भी कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।

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