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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही बेटी याशी जैन नेशनल रिकार्ड बनाने के बाद पहुंची भाटापारा

भाटापारा । छत्तीसगढ़ का नाम पूरे विश्व में लहराने वाली सबसे कम उम्र की बेटी यासी जैन विश्व की सबसे ऊंची चोटी एव्हरेस्ट में भारतीय तिरंगा लहराने के बाद 26 घंटे के अंदर दूसरी चोटी में तिरंगा लहराने वाली विश्व की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनी. यशी जैन छत्तीसगढ़ रायगढ़ की निवासी है, आपके पापा पंजाब नेशनल बैंक में अखिलेश जैन कार्यरत हैं. आपने छत्तीसगढ़ एवं भारत का मान बढ़ाया है, आपने सबसे कम उम्र में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी, ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी एवं एवरेस्ट विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर भारत का तिरंगा लहरा कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है . याशी जैन सपरिवार का भाटापारा प्रकाश मोदी के निवास पर उनका सम्मान किया गया एवं उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया गया .याशी जैन ने अपने पापा के साथ जन जन के संत, राष्ट्रसंत, चमत्कारिक संत मुनि 108 चिन्मय सागर जी महाराज जंगल वाले बाबा के चरणों का एवं भगवान आदिनाथ की अतिशय कारी प्रतिमा के समोशरण का दर्शन का लाभ लेने के लिए भाटापारा मंदिर पधारी, भगवान के दर्शन कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया याशी जैन के साथ छत्तीसगढ़ सकल दिगंबर जैन समाज के मंत्री सुशील नैला भी पधारे थे।प्रकाश मोदी निवास पर नवीन गदिया, दीपक जैन, संजय जैन, प्रमोद जैन, आलोक मोदी, अभिषेक मोदी, अभिनव मोदी, अनिल मोदी, विनोद मोदी, सुमन लता, रजनी, नेहा, सुरभि, अभिलाषा जैन आदि ने पुष्प गुच्छ एवं माला पहना कर सम्मान किया. भाटापारा नगर के वरिष्ठ पत्रकार संजीव तिवारी, संतोष अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे. यासी जैन ने चर्चा करते हुए बताया की नेपाल के रास्ते एवरेस्ट पर चल भाई प्रारंभ की थी ऊपर एवरेस्ट में-35 डिग्री से 40 डिग्री तापमान रहता है, माउंट एवरेस्ट चढऩे के लिए 50 दिन हमें नेपाल में रहना पड़ा, दिन में ऊपर चढऩे में खतरा ज्यादा रहता था रात्रि में ज्यादा चढ़कर के लाभ लिया, बहुत ही खतरनाक रास्ता है, ग्लेशियर पिघलता है तो ऐसा लगता है कि सीधा खाई में गिरे। इस यात्रा में लगभग 19 लोगों की जान भी जा चुकी है, काफी लोगों की उंगलियां माइनस डिग्री होने के कारण गल गई हैं, हमे 15 किलो सामान लेकर के ऊपर चढऩा होता है। समस्त छत्तीसगढ़ एवम भारतवर्ष के लोगों की दुआओं के कारण मैं यह लाभ अर्जित कर पाई हूं। खासकर में प्रकाश मोदी जी का विशेष धन्यवाद करने के लिए आज भाटापारा आई हूं जिन्होंने मेरा बहुत आत्म बल बढ़ाया और हमेशा मेरे इस यात्रा में आर्थिक मदद कर बहुत बड़ा सहयोग प्रदान किया है। मैं अपने परिवार की ओर से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया करने के लिए आज भाटापारा आई हु। आप सब से मिलकर बहुत अच्छा लगा. मेरा अगला प्रयास है जो विश्व में सात चोटिया हैं, उसमें से तीन मेरी बची हुई है, उसे भी मैं शीघ्र पूरी कर सकूं। भाटापारा आदिनाथ जैन मंदिर के अध्यक्ष अभिषेक मोदी के नेतृत्व में स्मृति चिन्ह देकर याशी और उनके पिता का सम्मान किया गया।

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