देवस्नान के पश्चात देव पड़े बीमार,मंदिर के पट हुए बंद
भिलाई । श्री जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महाप्रभु श्री जगन्नाथ स्वामी की 54 वीं रथयात्रा महोत्सव 2023 मनाने जा रही है। रथयात्रा की पहली कड़ी के रुप में देवस्नान पूर्णीमा का धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ। इस आयोजन के तहत महाप्रभु को बाजे-गाजे के साथ पहंडी करते हुए मंदिर से निकाल कर देव स्नान मंडप पर लाया गया। देव स्नान मंडप में समस्त विधि-विधान के साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ स्वामी, बड़े भाई भगवान श्री बलभद्र देव, तथा बहन माता सुभद्रा को सुगंधित जल से स्नान कराया गया। देव स्नान की यह धार्मिक पूजा समस्त रीति-रिवाजों के साथ पुरोहित पितवास पाढ़ी तथा पंडित सीमांचल रथ, सरोज दास, प्रकाश दास, रंजन महापात्र द्वारा संपन्न्न किया गया। देव स्नान के पश्चात महाप्रभु का गजराज भेष के रूप में श्रृंगार किया गया । देव स्नान के पश्चात महाप्रभु के बीमार पडऩे के कारण उन्हे विश्राम हेतु अणसर गृह में स्थापित किया गया। आज से लेकर 19 जून के नेत्र उत्सव तक महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के मंदिर के पट बंद रहेंगे। इस अवधि में महाप्रभु को विभिन्न जड़ी बूटियों व दिव्य औषधियों का भोग लगाया जायेगा। दिनांक 19 जून को नेत्र उत्सव का आयोजन किया जायेगा। तत्पश्चात महाप्रभु के मंदिर का पट दर्शन हेतु खोले जायेंगे। इसके बाद दिनांक 20 जून को दोपहर 1.00 बजे सेक्टर-4 स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा निकाली जायेगी। देव स्नान के इस पावन उत्सव को सफल बनाने में जगन्नाथ समिति के महासचिव सत्यवान नायक सहित डॉक्टर पी के बिस्वाल,डॉक्टर जयश्री प्रधान,समिति के पदाधिकारी अनाम नाहक, डी त्रिनाथ, बसंत प्रधान, त्रिनाथ साहू, भीम स्वांई, सुशांत सतपथी, बीसी बिस्वाल, वृंदावन स्वांई, कालू बेहरा, बीसी केशन साहू, निरंजन महाराणा, प्रकाश स्वांई, कवि बिस्वाल, संतोष दलाई, सुदर्शन शांती, शंकर दलाई, शत्रुघन डाकूआ,रबि स्वांई, जगन्नाथ पटनायक, श्याम दलाई, वी के होता ने विशेष योगदान दिया। इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। देव स्नान के विभिन्न पूजा कर्म व पहंडी कार्यक्रम पण्डित पितवास पाढ़ी के नेतृत्व में विधि विधान से सम्पन्न किया गया ।