जनमानस में खेलकूद से लगाव का बीजारोपण जरूरी
खेलों इंडिया कार्यक्रम: भारतीय खेल जगत में लेकर आया है क्रांति का संदेश
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
भारत सरकार ने खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय खेल प्राधिकरण सांई के साथ मिलकर खेलो इंडिया योजना की शुरुआत 2016-17 में हुई। वस्तुत: खेलो इंडिया कार्यक्रम उन विचारों का,मतों का स्वरूप था जिसमें हमेशा इस बात की चर्चा होती थी कि भारत सरकार खेलों के विकास के लिए जमीनी स्तर पर कोई रचनात्मक प्रयास नहीं किया। भारत सरकार 15 अगस्त 1947 में भारत को मिली स्वतंत्रता के पश्चात खेलकूद को बढ़ावा देने,प्रतिभावान खिलाडिय़ों को चुनकर प्रशिक्षित करने, अत्याधुनिक पोशाक, अधोसंरचना और उचित खान-पान व रहने की व्यवस्था के संबंध में कोई विशेष प्रयास मई 2014 के पहले नहीं किए गये। इस परिस्थिति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काफी गंभीरता से लिया और खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी निशानेबाजी के 2004 एथेंस ओलंपिक के रजत पदक विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर को सौंप दी उन्हीं के कार्यकाल में जमीनी स्तर से उदयीमान खिलाडिय़ों को चुनकर आगे बढ़ाने की कोशिश के रूप में खेलो इंडिया अभिमान का आरंभ भारत में हुआ। 2018-19 में इसके लिए 500.10 करोड़, 2019-20 में 578 करोड़ किया गया। कोविड-2020-21 आपदा की वजह से आंबटन घटकर 328.77 करोड़ किया गया। खेलो इंडिया योजना में शामिल लोगों से शपथ दिलाई गई कि ‘खेलो को अपने जीवन का हिस्सा बनायेंगे, खेलेंगे और खेलना सिखायेंगे। खेलो से जुड़कर हम स्वस्थ बनायेंगे।Ó खेल खिलाड़ी का हम हौसला बढ़ायेंगे।
खेलो इंडिया में भाग लेने वाले यह भी शपथ लेते हैं कि ‘हार जीत से आगे बढ़, मैं को हम बनायेंगे, खेलों से खिलेंगे हम, देश का मान बढ़ायेंगे, संकल्प से सिद्धि लायेंगे, हम न्यू इंडिया बनायेंगे, खेलेंगे और खेलना सीखायेंगे जय हिन्दÓ। आज की परिस्थिति में प्रधानमंत्री का सपना साकार होता दिखाई दे रहा है। पिछले पांच-छ: वर्षों की मेहनत फलवती होती दिखाई दे रही है। ओलंपिक खेलों के 28 कोर खेलों में से 15-16 खेलों में भारत के खिलाड़ी विश्व स्तर पर अपने प्रदर्शन से विरोधियों को परास्त कर रहे हैं। खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत युवाओं के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स जबकि विश्वविद्यालय के खिलाडिय़ों के लिए खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन पिछले चार-पांच वर्षों से निरंतर किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में जनवरी फरवरी 2023 में यूथ गेम्स हुआ था इसमें 27 खेलों को शामिल किया गया था ये खेल 2018 में दिल्ली, 2019 में पुणे, 2020 में गुवाहाटी में आयोजित किये गये थे। इसी तरह नेशनल यूनिवर्सिटी यूथ गेम्स 2023 का आयोजन उत्तर प्रदेश में मई-जून 2023 में सम्पन्न हुआ। इसमें 21 खेलों को सम्मिलित किया गया था। ये खेल 2020 भुनेश्वर,2022 में बेंगलुरु में संपन्न हुए थे। इस तरह भारतीय खेल प्राधिकरण की अगुवाई में भारत के जमीनी स्तर से जुड़े प्रतिभावान खिलाडिय़ों को अपना प्रदर्शन दिखाने के लिए शानदार मंच मिल गया है। अब जरूरत इस बात की है कि भारतीय ओलंपिक संघ उससे जुड़े खेल फेडरेशन के राज्य व राष्ट्रीय इकाई, शालेय व विश्वविद्यालय के खेल प्रशासकों के सहयोग से हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को साकार करें। भारत सरकार, उसका खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से जिस तरह धरातल से जुड़े खेल सितारों का जिस तरह उदय हो रहा है और उन्हें व्यवस्थित प्रशिक्षण, सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है उसका भारतवासियों को स्वागत करना चाहिए तथा आवश्यकतानुसार अभिभावकों को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे अपने बच्चों के मन में खेल के प्रति ललक उत्पन्न करें। तभी भारत खेल में विश्व गुरु बन सकता है।