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छत्तीसगढ़

तरुण के मुहिम के बाद अरुण का राजधानी के डीकेएस में इलाज शुरू

देवभोग । जनहित की खबरों पर तरुण छत्तीसगढ़ ने हमेशा पैनी नजर रखकर खबरों को प्रकाशित कर जरूरतमंदों को मदद दिलवाकर जनहित के क्षेत्र में पत्रकारिता में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ा है। इसी क्रम में एक बार फिर तरुण छत्तीसगढ़ की मुहीम ने असर दिखाया है। इस बार तरुण ने मासूम आदिवासी बच्चे को समय पर इलाज नहीं मिलने से हो रही परेशानी को शासन-प्रशासन तक पहुंचाकर अपना पत्रकारिता का धर्म निभाया था। वहीं तरुण छत्तीसगढ़ की खबर के बाद मासूम अरुण की मदद के लिए कई हाथ उठे। और अरुण के परिवार को आर्थिक मदद भी मानवतावादियों ने दिया। वहीं प्रशासन ने भी हर स्तर पर अरुण की मदद किया। तत्काल उसका आयुष्मान कार्ड बनाया गया। आदिवासी वर्ग के प्रमुखों ने देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचकर अरुण के परिजनों को आर्थिक मदद देकर इलाज के लिए एम्बुलेंस के माध्यम से रायपुर रवाना किया था। वहीं राजधानी पहुंचने के बाद डीकेएस अस्पताल में अरुण का इलाज भी शुरू हो गया है। वहीं आज अरुण की सूध लेने क्षेत्रीय विधायक डमरूधर पुजारी और समाजसेवी रुपसिंग साहू डीकेएस अस्पताल पहुँचे। दोनों ने पहले बच्चे के परिजनों से भेंट की। इलाज के संबंध में जानकारी लिया। इसके बाद डीकेएस अस्पताल की अधिक्षिका डॉक्टर क्षिप्रा जैन, सह अधीक्षक डॉक्टर हेमंत शर्मा से बच्चे के इलाज को लेकर विस्तृत चर्चा की। विधायक ने कहा की मेरे क्षेत्र के बच्चे के इलाज में कहीं कोई कमी नहीं नहीं चाहिए। जिस पर उन्हें अधिक्षिका और सह अधीक्षक ने भरोसा दिलाया कि बच्चे के इलाज को लेकर अस्पताल प्रबंधन गंभीर है। इलाज में कहीं कोई कमी नहीं आएगी। इसके बाद विधायक और समाजसेवी ने बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर दक्षेश शाह से मुलाक़ात की। उन्होंने भी भरोसा दिलाया कि बच्चे का इलाज शुरू किया जा चुका है। डॉक्टर ने कहा कि बच्चा जल्द ही स्वस्थ हो जायेगा।
आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी अरुण के प्रति हैं गंभीर
मासूम बच्चा अरुण नेताम के इलाज को लेकर आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जनक ध्रुव भी बहुत ज्यादा गंभीर है। उन्होंने गुरुवार की देर शाम बच्चे को लेकर अटेंडर के रूप में गए प्रेम मांझी से भी इलाज को लेकर विस्तृत चर्चा किया। वहीं जनक ने इलाज को लेकर डॉक्टरों से भी चर्चा किया है। जनक ने कहा कि वे पार्टी के कार्यक्रम में व्यस्त है। कार्यक्रम होने के बाद वे सीधे अस्पताल पहुँचकर बच्चे से भेंट करेंगे। जनक ने कहा कि बच्चे को स्वस्थ्य कर खिलखिलाते चेहरे के साथ उसके गॉव भेजने की जवाबदारी हमारी है।
अटेंडर के रूप में गए प्रेम
की है महत्वपूर्ण भूमिका
मासूम अरुण को आज यदि मदद मिला है तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका खुटगॉव के मांझीपारा निवासी प्रेम मांझी का है। प्रेम को ही सबसे पहले मामले की जानकारी मिली। उन्होंने बच्चे को देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती भी करवाया। इतना ही नहीं ज़ब कोई अटेंडर नहीं मिला राजधानी तक जाने के लिए। तो प्रेम खुद तैयार हुए और अटेंडर बनकर राजधानी जाकर बच्चे का इलाज भी करवा रहे है। यहां बताते चले की प्रेम बच्चे के रिश्तेदार भी नहीं है। लेकिन प्रेम के मुताबिक उन्होंने मानवता का धर्म निभाया है और बच्चे के इलाज में अपना सहयोग दिया है।

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