बस स्टैंड स्थित साडा काम्प्लेक्स के एक मोबाइल दुकान में लगी आग
दंतेवाड़ा । दंतेवाड़ा के बस स्टेंड स्थित साडा काम्प्लेक्स की दुकान में आग लग जाने की घटना बुधवार सुबह सामने आई है। आगजनी से कई दुकानें जहां प्रभावित हुई है वहीं जय मॉ अम्बे इंटरप्राईजेस नाम की मोबाईल दुकान इस आगजनी की चपेट में आने से पूरी तरह से जलकर खाक हो गया है। सूचना के बाद फायर ब्रिगेड की वाहन मौके पर पहुंची तब तक काफी देर हो चुकी थी आग पर बमुश्किल काबू तो पाया जा सका लेकिन तब तक आग ने लाखों का सामान खाक में मिला दिया था। आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। पुलिस एवं राजस्व की टीम मौके पर पहुंच जांच पड़ताल कर नुकसान का जायजा ले रही है। दुकान में आगजनी की घटना सुन बस स्टेंड के साडा काम्प्लेक्स परिसर में हादसे को देखने लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा। गौरतलब है कि बस स्टेंड स्थित साडा काम्प्लेक्स की दुकान क्रमांक 5 की मोबाईल शॉप में आग लगने की घटना अलसुबह 3 बजे के आसपास की बताई जा रही है। बस चालक व परिचालकों ने बस स्टेंड की दुकानों में आग की लपटें एवं धुआं उठते देखा तो इसकी सूचना तत्काल कोतवाली एवं अन्य व्यापारियों को दी। जय मां अम्बे इंटरप्राईजेस मोबाईल दुकान के अंदर से उठती आग की लपटें देखते ही देखते पूरे साड़ा काम्प्लेक्स को अपने चपेट में ले लिया। अच्छी बात ये रही कि आग बाकी दुकानों के अंदर तक नहीं पहुंंच पाई। काम्प्लेक्स के पोर्च की उपरी छज्जा में तेजी से आग फैली मगर दुकान के अंदर तक नहीं पहुंच पाई। बताई जा रही हगै कि आग जय मां अम्बे इंटरप्राईजेस नाम की मोबाईल शॉप के अंदर शार्ट सर्किट के वजह से लगी जो धीरे धीरे पूरे काम्प्लेक्स के बाहरी सतह को अपने आगोश में ले लिया। आगजनी से मोबाईल दुकान को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। दुकान के अंदर रखा मोबाईल, एलईडी टीवी समेत इलेक्ट्रानिक सामान पूरी तरह जलकर बर्बाद हो गया। नुकसान कितने का हुआ है फिलहाल इसकी सही मूल्यांकन कर पाना या बता पाना अभी मुश्किल है। पीडित व्यापारी की रिपोर्ट के बाद ही नुकसान का सही आंकलन मिल पाएगा। प्रभावित मोबाईल दुकान गीदम निवासी कुशल सुराना की बताई जा रही है। प्रभावित दुकानदारों ने फायर ब्रिगेड टीम को सूचना के बाद भी एक घंटे देरी से पहुंचने पर नाराजगी जाहिर की है। पीडि़त दुकानदारों की मानें तो फायर ब्रिगेड की वाहन में पानी भरकर नहीं रखा गया था। घटना के बाद पानी भरने में देरी के चलते वाहन देर से पहुंची तब तक आग ने अपना खेल कर दिया था। आग तो देर सबेर बुझ गई मगर ऐसी लचर भ्रष्ट व्यवस्था से क्या फायदा? जो नुकसान होना था सो तो हो गया केवल नाम के लिए कहा जा सकता है कि फायर ब्रिगेड की वाहन ने आग पर काबू पाया। ईधर आगजनी की घटना सुन काम्प्लेक्स के बाकी दुकानदार दौड़े भागे अपनी दुकान पहुंचे और दुकान का शटर खोल चेक किया तो बाकी सभी की दुकानें अंदर से पूरी तरह सुरक्षित दिखाई पड़ी जिससे दुकानदारों ने राहत की सांस ली । हालांकि सभी के दुकानों के बाहर तक आग ने अपनी पहुंच बना ली थी। घटना के बाद सवाल अब यही उठ रहे हैं कि अभी तो गर्मी की तपिश ठीक से बढ़ी भी नहीं है। ऐसे में शार्ट सर्किट से आग लगना कहां तक सही है। आग शार्ट सर्किट से लगी है या कोई और वजह है फिलहाल इसकी जांच बारिकी से किया जाना बेहद आवश्यक है। शहर में इस तरह की घटनाएं पूर्व में भी हो चुकी है। आगजनी में हुए नुकसान का जायजा भी लिया जा रहा है। नुकसान तो देर सबेर भर जाएगा लेकिन लापरवाही से जिस तरह आग ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है शायद वह कभी नहीं मिट पाएगा।