छत्तीसगढ़

छग में भी किसानों को उनका अधिकार दिलाएंगे: टिकैत

दंतेवाड़ा । भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने तीन दिवसीय दक्षिण बस्तर दौरे के तहत सोमवार शाम को दंतेवाड़ा पहुंचे जहां उन्होने सबसे पहले बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर पहुंच माता के सामने मत्था टेककर क्षेत्र के समस्त किसान भाईयों के सुख व समृद्धि के लिए आर्शीवाद मांगा। श्री टिकैत के दंतेवाड़ा पहुंचने पर किसान युनियन के प्रदेश अध्यक्ष संजय पंत समेत अंचलों से आए हुए सैकड़ों किसानों ने अपने नेता का भव्य स्वागत किया। राकेश टिकैत के साथ प्रदेश किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी प्रवीन क्रांति एवं संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्ण सिंह भी मौजुद रहे। मांईजी के दर्शन पूजन के बाद शाम 7 बजे क्षेत्र के किसान भाई बहनों से मुलाकात करने राकेश टिकैत हास्पिटल परिसर में स्थित मां मालती देवी सेवा आश्रम पहुंचे जहां सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण अंचलों से आए हुए किसान भाई उनका सुबह से इंतजार कर रहे थे। श्री टिकैत के सेवा आश्रम पहुंचने पर मां मालती देवी सेवा आश्रम ट्रस्ट के संस्थापक ननकु साहू ने राकेश टिकैत को पत्तियों से निर्मित हार पहनाकर उनका स्वागत किया। किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय पंत ने स्थानीय गोंडी भाषा में अपना उद्बोधन देकर राकेश टिकैत का परिचय करवाया एवं किसानों की समस्याओं के विषय पर संक्षिप्त में अपनी बात रखी जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते कहा कि आप सबको विदित होगा कि हमने 2020 में भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए लाए गए 3 काले कानुन को दिल्ली में 13 महिने का लंबा आंदोलन चलाकर वापस करवाया था। सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा था। श्री टिकैत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खासकर बस्तर अंचल में किसानों के साथ भी यहां की सरकार किसानों की हितैषी होने का ढोंग कर रही है। किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा। केवल किसानों के नाम पर सियासत हो रही है। समस्याओं पर कोई बोलने को तैयार नहीं है। उन्होने कहा कि वे यहां के किसानों की समस्या को नजदीक से जानने के लिए ही यहां आए हैं और बस्तर के तीन जिलों में भ्रमण कर किसानों की समस्याओं के विषय में अच्छे से जानेंगे और उसके बाद हम लड़ाई लड़कर किसानों को उनका हक उनका अधिकार दिलाएंगे। उन्होने कहा कि यहां के आदिवासी वनवासी किसानों की जमीनों पर उद्योगपतियों की नजर है। जबकि यहां की जल, जंगल व जमीन पर पहला अधिकार किसान भाईयों का है। लड़ाई लडऩी होगी। श्री टिकैत ने कहा कि बस्तर में तमाम वन संपदा होने के बाद भी दशकों से यहां के किसान भाई गरीब व उपेक्षित हैं।

छ0ग0 में सीमेंट की फैक्ट्री लगी हुई है बावजूद यहां के लोगों को सीमेंट महंगे में मिल रहा है। उन्होने किसान भाईयों से आव्हान करते कहा कि आप सब अपने अपने क्षेत्रों में समिति का गठन करें और समस्याओं को उठाएं, अगर सरकारें नहीं सुनती है तो हम आगे चलकर एक बड़ा आंदोलन करेंगे। निश्चित रूप से हमारी जीत होगी और किसानों को यहां के आदिवासियों को उनका संवैधानिक अधिकार मिलेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button