सर्व आदिवासी समाज ने 6 सूत्रीय मांग को लेकर किया बस्तर संभाग बंद
किरंदुल । सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के आव्हान पर आज सम्पूर्ण बस्तर संभाग बंद रहा अलग अलग क्षेत्र में ब्लाक स्तर और जिला स्तर पर सर्व आदिवासी समाज के प्रमुखों के द्वारा आदेश कर अपने अपने क्षेत्र में बंद को सफल करने के लिए आदेश किया गया था गाँव स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक सभी दुखाने प्रतिष्ठान बंद रहा! आदिवासी समाज का आरोप है कि लगतार केंद्र और राज्य सरकार मिलकर आदिवासियों को संविधान में दिए हुए अधिकार को खत्म कर रहा है और अनुसूचित क्षेत्र में लगतार आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण कर उद्योगपतिओ को जमीन सरकार दे रही है आदिवासी समाज का सीधा आरोप है की जगदलपुर के नगरनार में हृरूष्ठष्ट ने जमीन अधिग्रहण कर स्टील मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनाया था लेकिन बड़ी चालाकी से उसे भी सरकार निजीकरण करने में लगी हुई है आदिवासी समाज ने यही सबका आरोप लगाते हुए 6 सूत्रीय मांग के साथ जैसे पेसा कानून 2022 के नियम में सांसोधन करने और नगरनाग स्टील प्लान्ट के निजीकरण के विरोध में ,अनुसूचित क्षेत्र में स्थानीय सरकारी नौकरियों में 100त्नआरक्षण देने,और सामुदायिक वन अधिकार दावे में कड़ाई से पालन करने के विरोध में , बस्तर संभाग के अंदरूनी गावों में आदिवासियों पर पुलिस प्रताडऩा के विरोध में 1जनवरी 1932 के मिसल रिकार्ड खतियान रिकार्ड के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थाई डोमिसाइल नीति को कानूनी रूप देते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा अधिनियम के रूप में पारित किया जाये । आदि मागों को लेकर आज सम्पूर्ण बस्तर बंद सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले किया गया ।