भैरमगढ़ प्रज्ञा पीठ में गायत्री माता की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा

बीजापुर । जिले के भैरमगढ़ नगर के देवांगनपारा नवनिर्मित प्रज्ञा पीठ में माता गायत्री की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शांतिकुंज प्रतिनिधियों के माध्यम से 21 फरवरी को प्रात: मंगल बेला पर संपन्न हुआ। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में तथा परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के सूक्ष्म संरक्षण में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का कार्यक्रम दिनांक 20 से 23 फरवरी के बीच विभिन्न कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ। प्रथम दिवस 20 फरवरी गुरुवार के संध्या 3:00 बजे से नवनिर्मित प्रज्ञा पीठ से होकर भैरमबाबा मंदिर तक नगर के तथा आसपास के सुदूर अंचलों से आए हुए माता बहनों ने कलश यात्रा में बड़े उत्सव उमंग के साथ में भागीदारी की एवं सैकड़ो की संख्या में नंगे पैर लगभग 5 किलोमीटर पद यात्रा अपने सर पर कलश धारण कर किया एवं भैरमबाबा से आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हें कार्यक्रम का निमंत्रण दिया। भैरमबाबा मंदिर के समीप स्थित सरोवर से कलश में जल लेकर वापस हनुमान मंदिर,दुर्गा मंदिर में दर्शन एवं निमंत्रण करते हुए कलश यात्रा वापस कार्यक्रम स्थल में पहुंची जहां पर स्वागत उपरांत कलश धारण करने वाले माता बहनों के सम्मान में आरती व देव मंच पर उपस्थित माता गायत्री की आरती संपन्न हुई। द्वितीय दिवस शुक्रवार को प्रात: 6:00 बजे से 7.30 तक प्रज्ञापीठ में माता गायत्री की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम वैदिक मंत्रों से विधि विधान के साथ में संपन्न हुआ । मुख्य यजमान के रूप में दानदाता राजेश पांडेय दंपति ने गर्भगृह में पूजन किया एवं पुण्य के भागीदारी बने। प्रथम दर्शन के लिए नगर के कई श्रद्धालुओं सहित जिले भर से गायत्री परिवार के परिजनों ने बारी बारी से दर्शन किया। प्रात 10.00 बजे से 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ देव पूजन के साथ संपन्न हुआ तत्पश्चात सभी ने नगर की सुख शांति समृद्धि एवं लोकमंगल की कामना से यज्ञ कुंड में आहुतियां समर्पित किया । संध्या काल में 4:00 बजे से परम पूज्य गुरुदेव के सप्त सूत्रीय आंदोलन एवं मानव जीवन के मानवीय मूल्यों के बारे में बताया गया संगीतमय टोली में शांतिकुंज से आए हुए टोली नायक सर्वेश शर्मा,सहायक टोली नायक रमेश पटेल, युग गायक सुरेश मरकाम, युग वादक नरेंद्र सलाम, ऑर्गन वादक खुदीराम जी एवं सारथी विवेक सिंह के माध्यम से भक्तिमय वातावरण बनाकर आए हुए श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूते हुए अनेक किस्से कहानियों के माध्यम से गायत्री मंत्र की महिमा एवं गायत्री परिवार के युग निर्माण योजना तथा विभिन्न आंदोलन के बारे में बताकर रचनात्मक गतिविधियों से सभी को जोडऩे के लिए प्रेरित किया । तृतीय दिवस प्रात: यज्ञ में नगर के अनेक दंपत्तियों ने परिवार सहित भागीदारी की एवं अपने परिवार की सुख शांति के लिए आहुतियां समर्पित की जिसमें विभिन्न संस्कार निशुल्क संपन्न हुए । प्राप्त जानकारी के अनुसार पुंसवन संस्कार 12, नामकरण संस्कार 14, मुंडन संस्कार 20,विद्याराम संस्कार 28, दीक्षा संस्कार 34, एवं 04 आदर्श विवाह संस्कार भी संपन्न हुआ । यह इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि रही की इतने सारे संस्कार गायत्री परिवार द्वारा निशुल्क संपन्न कराए जाते हैं ताकि क्षेत्र के लोग भारतीय सनातन संस्कृति के संस्कार परंपरा से जुड़े एवं अपने आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाएं। संध्या काल में प्रवचन के साथ दीप यज्ञ का भव्य कार्यक्रम संपन्न हुआ। दीप यज्ञ की सुंदरता देखते ही बनती थी चारों तरफ यज्ञशाला दीपकों से सजा हुआ एवं गायत्री माता की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर चारों तरफ मधुरता का वातावरण लोगों में आनंद की लहर पैदा कर रही थी। पूर्णाहुति पश्चात, क्षमा प्रार्थना, शुभकामना व देवताओं की विदाई हुई। प्रज्ञा पीठ निर्माण हेतु नगर के दानदाता स्वर्गीय प्रभाशंकर पांडेय एवं स्व.श्रीमती ज्ञानवती पांडेय की स्मृति में उनके पुत्र पुत्रियों द्वारा उक्त जमीन 6 डिसमिल भूमि दान किया गया जिस पर यहां गायत्री चेतना केंद्र का निर्माण किया गया । पूरे कार्यक्रम में परिजनों भोजनालय व्यवस्था, जलपान व्यवस्था, यज्ञशाला व्यवस्था निर्माण एवं कार्यक्रम के दौरान कहीं भी कोई कमी महसूस नहीं होने दी। इस कार्यक्रम के लिए विगत 45 दिनों से परिजनों ने परिश्रम किया और बस्तर के पारंपरिक छावनी के अनुसार यज्ञशाला एवं भोजनालय को ताड़ के पत्तों से यज्ञ मंडप एवं भोजनालय तैयार किया गया जिस वजह से श्रद्धालुओं को गर्मी का एहसास नहीं हुआ। जिले के सभी मंडलों से तथा गायत्री शक्तिपीठ बीजापुर से सभी ट्रस्टी तथा जिला समन्वयक की उपस्थिति कार्यक्रम में हुई। टोली के द्वारा दानदाताओं के परिवार परिवार वालों को मंत्र चादर, श्रीफल, तिलक चंदन कर सम्मानित किया गया एवं तत्पश्चात प्रमुख परिजनों एवं जिला बीजापुर के ट्रस्टी एवं जिला समन्वय के द्वारा टोली का तिलक चंदन, मंत्र चादर, श्रीफल देकर टोली को विदा करने करने का क्रम पूरा किया। सभी ने माता भगवती भोजनालय में भोजन प्रसाद ग्रहण कर इस भव्य एवं दिव्य कार्यक्रम के अविस्मरणीय पलों को अपने जीवन में संजोकर अपने-अपने घरों की ओर प्रस्थान किया।