भाकपा ने टीईटी,बीईडी, डीईडी के खिलाफ उग्र आंदोलन किया
सुकमा । भाकपा कार्यालय के सामने टेंट लगाकर टीईटी,बीईडी, डीईडी के खिलाफ उग्र आंदोलन किया। भाकपा के समर्थन में हजारों लोगों की संख्या में भीड़ उमड़ी, युवा बुजुर्ग भीषण गर्मी के बीच डटे रहे । और पैदल रैली निकाल कर नारेबाजी करते हुए महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। सभा को संबोधित करते हुए राज्य सचिव मनीष कुंजाम ने मंत्री कवासी लखमा को आरोप लगाते हुए कहा कि, कवासी लखमा बाप बेटे बेरोजगार युवाओं को षड्यंत्र कर फंसा रहा है। सभी युवाओं को क्रिकेट का बेड थमा दिया है। जिससे युवाओं का भविष्य को अंधकार में डाल रहा है।
युवाओं को तो बेड थमा दिया है। अगर युवा सड़क पर उतरे होते तो मंत्री कवासी लखमा और उनका बेटा बहार भी निकलने में मुश्किल होती। मंत्री कवासी लखमा 25 साल विधायक हैं। और अभी मंत्री है।किसको पढ़ाया किसको डॉक्टर बनाया किसको इंजीनियर बनाया किसी को कुछ नहीं बनाया सिर्फ उनका कार्य ढकोसला है। 25 वर्ष हो गए विधायक हैं,अगर वो पढऩा चाहता तो प्राइवेट में पढ़ लिया होता दरअसल वो अनपढ़ ही रहना चाहता है। और लोगो को गुमराह कर रहा है। और उनका बेटा हास्टल में रहता था और पढ़ाई में बिल्कुल कमजोर रहा है। आठवीं तक भी नहीं पढ़ा होगा और बीए का परीक्षा देने चला पता चला है कि,उनका पेपर कोई और लिख रहा था और पास हो गया है। ऐसे व्यक्ति युवाओं को सिखाने चला है। शहर के कोने कोने में बड़ी बड़ी होल्डिंग लगाईं गई है। और उसमें लिखा है। 2500 रुपए से 4000 रुपए बढ़ाया गया है। दरअसल यह रेट पांच साल पहले की है आज तक एक रुपया भी नही बढ़ा है। ऐसे दिखावा होल्डिंग पर कालिख पोत देनी चाहिए। तेंदुपत्ता को ठेकेदारी मुक्त करना चाहिए और स्थानीय युवाओं के माध्यम से समूह को सौप देना चाहिए जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिल सकता है।
साथ ही उन्होंने कहा सफाई कर्मियों 2500 रुपए मिल रहा है। लेकिन रायपुर धमतरी के युवा टीईटी,बीईडी, डीईडी का कोर्स पूरा करलिए है और सफाई कर्मी का नौकर के लिए 50-50 हजार रुपए देकर 2500 रुपए की नौकरी कर रहे हैं। क्या ऐसा डिग्री वाले युवाओं को यहां पर प्राथमिकता मिलने से छोड़ सकते हैं। कवासी लखमा ने वादा किया था कि हमारी सरकार आएगी तो सफाई कर्मियों को 10000 रुपए दिया जाएगा लेकिन वादा पूरा नहीं कर रहे हैं। मंत्री कवासी लखमा का एक पेक 4 से 5 हजार रुपए का है। लेकिन सफाई कर्मियों को 2500 रुपए उनकी एक पेक का कीमत नहीं है। चुनाव हारने की डर सता रही है चुनाव हारने के डर से प्रत्येक गांव में 50-50 हजार रुपए बाट रहा है। लेकिन पैसा लो और उनको वोट नहीं दो हराम का पैसा है।
झीरम कांड पर जब चर्चा होती है तो नार्को टेस्ट होने की आवाज बुलंद होती है उससे भी बच जाता है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा पलिया का धुरवा को भी मंत्री कवासी लखमा ने ही हत्या कराई है। जिससे हार जाएगा तो जेल जाने की डर सता रहा है। नक्सलियों ने ऐ तक कहा था सीपीआई के कार्यकर्ताओं को हत्या नहीं करेंगे फिर क्यों हत्या किया नक्सलियों इतापारा में पहुंच कर गांव वाले को खूब पिटाई किए कि हत्या के मामले में हमें क्यों फंसा रहे हो इसी कड़ी में एसपी एक्सन लेते हुए कार्रवाई की बात कही थी कि कवासी लखमा चुनाव हारने से तत्काल गिरफ्तार किया जाएगा। अगर दोषी नहीं है। तो नक्सली ऐसे क्या बताएं थे।
बस्तर संभाग पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है। स्थानीय बेरोजगार को भर्ती में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। दरअसल सरकार इस प्रावधान को नहीं मान रही है। जिसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। 13 जून को सुकमा बंद किया गया लेकिन गूंगी बहरी सरकार नहीं सुन रहीं हैं। सुकमा जिला बहारी व्यक्तिओं का शिक्षक भर्ती का अड्डा बना हुआ है।मंत्री कवासी लखमा को उखाड़ फेंकना है। तभी कहीं ना कहीं यहां के बेरोजगार को नौकरी संभव हो सकती है।