छत्तीसगढ़

16 प्रतिशत आरक्षण को लेकर सर्व अनुसूचित जाति वर्ग करेगा आंदोलन

कोंडागाँव । 4 दिसंबर को सर्व अनुसूचित जाति वर्ग के जिला पदाधिकारी एवं जिला कोंडागांव के अंतर्गत आने वाले सभी समाज के जिला अध्यक्षों के साथ जिसमें मंगूराम मरकाम जिलाध्यक्ष अदकुरी गांडा समाज, सी एल मेश्राम जिलाध्यक्ष बौद्ध महार समाज, शानू मारकन्डेय जिला अध्यक्ष सतनामी समाज , उमेश सोना जिलाध्यक्ष घासी घसिया समाज, मनमोहन नाग उत्कल घासी समाज जिला कोषाध्यक्ष, लाल सिंह लावत्रे चढ़ार समाज जिला सचिव, कोडागाव जिले के समाज प्रमुख एवं ब्लॉक फरसगांव,कोंडागाँव, माकड़ी, केशकाल ,विश्रामपुरी बड़े राजपुर के सामाजिक पदाधिकारी शामिल हुए ।जिले में निवासरत अनुसूचित जाति वर्ग के बुद्धिजीवी समाजिक एवं जनप्रतिनिधि,समाज सेवक एवं सामाजिक कार्यकर्ता इस बैठक में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिए सर्व अनुसूचित जाति वर्ग के जिलाध्यक्ष धंसराज टंडन जी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि पूर्व में आरक्षण को लेकर बैठक आहूत की थी । जिसकी वजह से आज के बैठक में और ज्यादा संख्या में जागरूक सामाजिक जन शामिल हुए । तथा समाज के प्रबुद्धजनों ने आरक्षण के संदर्भ में अपने-अपने विचार साझा किये । जिससे ये परिलक्षित होता है कि वर्षों से मुख्य धारा से वंचित रखा गया हमारा अनुसूचित जाति वर्ग समुदाय अब अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक हो चुका है । जो हमारे लिए बहुत प्रसन्नता का विषय है और समाज के सामाजिक बुद्धिजीवी वर्ग वे भी गर्व के साथ इस तरह के आयोजनों में शामिल होकर आम सामाजिक जनों को उनके कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति सचेत करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं । जो हमारे वर्गों के लिए गर्व की बात है अपने वक्तव्य दुहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हुए अनुसूचित जाति वर्ग को भारतीय संविधान में प्रदत्त सामाजिक, राजनैतिक तथा आर्थिक अधिकारों का हमेशा से हनन किया है । तथा शासन द्वारा वर्तमान कैबिनेट बैठक में वही भेदभावपूर्ण तरीके से हमारे जनसंख्या अनुपात से भी कम आरक्षण को 16त्न से घटाकर 13त्न कर दिया गया है । जिसकी वजह से पूरा जिला तथा प्रदेश का अनुसूचित जाति वर्ग बहुत स्तब्ध और आक्रोशित है । इसके विरोध में अनुसूचित जाति वर्ग को जनसँख्या के वास्तविक अनुपात में 16त्न आरक्षण को लेकर आगामी 11 दिसंबर को जिला मुख्यालय कोंडागाँव में भी जिला स्तरीय विशाल धरना-प्रदर्शन किया जाएगा । जिसकी सम्पूर्ण रूप-रेखा तैयार की जा चुकी है तथा जिम्मेदार पदाधिकारी जिले के पांचों तहसीलों के प्रत्येक गांव-कस्बों में ऑटो दुपहिया, चारपहिया वाहन तथा विभिन्न संसाधनों से छोटे-बड़े बैठक आयोजित कर आंदोलन के उद्देश्य और महत्व से अवगत करा रहे हैं । और 11 दिसंबर की उक्त महारैली में विशाल जनसमूह उमडऩे की बात कहीं । और शासन यदि हमारी इस जायज मांग को गंभीरता से नहीं लेती है तो संभाग और प्रदेश स्तर पर अनुसूचित जाति वर्ग बड़ा आंदोलन के लिए मजबूर होगा । उसके लिए भी रणनीति बनाई जा रही है ।

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