बड़ी उम्मीद के साथ निगाहें नई सरकार की ओर
छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों के साथ पिछले पांच वर्षों से सौतेला व्यवहार
जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ के सत्ताधारी दल के राजनीतिकों खेल प्रशासकों ने अपने कार्यशैली से प्रदेश के खेल परिदृश्य में निराशा उत्पन्न की। 23 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य में 2018 से लेकर 2023 के कार्यकाल में अधिकांश खिलाडिय़ों प्रशिक्षकों ने अपने आपको असहाय, बेसहारा, अकेला महसूस किया। खेल के मैदान में राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में बड़ी उपलब्धि प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों का प्रशासनिक स्तर पर पूछ परख करने वाला कोई नहीं रहा। एक खिलाड़ी के साथ- साथ उनके अभिभावक,प्रशिक्षक से लेकर उन्हें प्रोत्साहित करने वाले यहां तक कतिपय खेल संघ के अधिकारी भी इस दौरान पछताने के लिए मजबूर हो गये कि आखिर हमने खेलकूद को अपना कैरियर बनाने की क्यों सोचा? छत्तीसगढ़ महतारी की हम संतान हैं हमने जी जान लगाकर खेलकूद के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा,अपनी जवानी को न्यौछावर कर इस प्रदेश का नाम राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा किया। उसके बदले हमें संबंधित राजनीतिज्ञों तथा अधिकारियों से उचित सम्मान, पुरस्कार तक नहीं मिला। यह सत्य भी है। अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न खेलों की प्रतियोगिता में प्रदर्शन की वजह से खिलाडिय़ों, प्रशिक्षकों, सहयोगी स्टाफ को पुरस्कृत किए जाने की परंपरा भारत के कई राज्यों में रही है।
पुरस्कार के रुप में नगद राशि, भूखंड,शासकीय या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में नौकरी आदि पदकधारियों को दिए जाने की परंपरा रही है। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष खेल दिवस पर खेल अलंकरण और शासकीय नौकरी के लिए उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किए जाने का प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार के नियमों में है लेकिन पिछले पांच वर्षों के खेल विभाग की फाइलें, पारित आदेश पर गौर करेंगे तो आप हताश हो जायेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय खेलों में भाग लेकर पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को गुजरात 2022 तथा गोवा 2023 के खेलों के पहले सिर्फ ठेगा दिखा दिया गया और इस प्रतिष्ठित स्पर्धा में प्रतिभागी होकर पदक जीतने के लिए पहले से किसी तरह के सम्मान, पुरस्कार, भूखंड, नगद राशि की घोषणा नहीं की गई। इसके बावजूद हमारे खिलाडिय़ों ने अच्छा प्रदर्शन किया और करीब 40 पदक जीते।
हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र,ओडिशा आदि अनेक राज्यों में इस तरह की घोषणा किए जाने की परंपरा रही है जिसका परिणाम है कि उनके खिलाड़ी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक हासिल करने अपने राज्य का नाम रौशन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में खेल विकास प्राधिकरण भी बनाया गया है। जिसके कर्ताधर्ता इस प्रदेश में खेल व खिलाडिय़ों के हित की रक्षा करने में कितने सफल रहे हैं। इसका प्रमाण तो उनके कार्यकाल की उपलब्धि के मूल्यांकन से लगाया जा सकता है। आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में नई सरकार सत्ता में आने वाली है अत: अब उनके लिए इस प्रदेश के खिलाडिय़ों के हित को लेकर बड़ी चुनौती है। राज्य में नई भर्तियां होनी है। सबसे पहले उत्कृष्ट खिलाडिय़ों का चयन करना होगा। फिर उन खिलाडिय़ों को रिक्त पदों में नियुक्त देनी होगी। नौकरी के लिए उपयुक्त अनेक खिलाडिय़ों की उम्र निकलती जा रही है। इस पर भी गौर करना होगा। अन्यथा भविष्य में माता-पिता, अभिभावक अपने होनहारों को खेल के मैदान में तभी भेजेंगे जब उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित होगा। अत: छत्तीसगढ़ की नई सरकार को पूरी गंभीरता से इस दिशा में ठोस कदम उठाने तैयार होना चाहिए।