सफलता के लिए जरूरी है आमूलचूल बदलाव
फुटबाल: फीफा विश्व कप (पुरुष) 2026, योग्यता चक्र में भारत की मुश्किलें बढ़ीं
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
किसी एक खेल में दुनिया की सबसे बड़ी खेल संस्था के रूप में फीफा (याने इसका अर्थ फेडरेशन इंटरनेशनल डी फुटबाल एसोसिएशन होता है) को जाना जाता है। यह फुटबाल एसोसिएशन का अंतर्राष्ट्रीय महासंघ भी कहलाता है। फिलहाल इसमें 211 राष्ट्रीय फुटबाल संघ को फीफा द्वारा मान्यता दी गई है। फीफा की स्थापना 21 मई 1904 को पेरिस फ्रांस में हुई थी। 1930 से फुटबाल के पुरुष वर्ग की विश्व स्पर्धा आरंभ हुई। यह निर्बाध रूप से जारी है और अब 2026 में इसका आयोजन मेक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा के संयुक्त मेजबानी में 11 जून 2026 से 19 जुलाई 2026 के मध्य होगा। 211 देशों में से इस बार 48 टीम को अंतिम मुकाबले के लिए पहली बार प्रवेश दिया जायेगा। संसार के सभी टीम को 6 महाद्वीप/भूभाग में बांटा गया है जिसमें से भारत एशियन फुटबाल कांफेडरेशन के अंतर्गत आता है। इसमें 46 टीम में से 8 को आपसी मुकाबले जबकि एक को प्ले आफ से मुख्य स्पर्धा हेतु योग्यता हासिल करने की पात्रता है। पात्रता के लिए 12 अक्टूबर 2023 से मैच आरंभ हो चुके हैं। इसके अलावा अफ्रीका क्षेत्र से 53 में से 10, उत्तर, मध्य अमेरिकान तथा केरेबियन क्षेत्र से 35 में से 8, कनाडा, यूएस मेक्सिको क्षेत्र से 10 में से 7, ओसिएनिएन क्षेत्र से 11 में से 1, यूरोपीय क्षेत्र से 55 में से 16 और अन्य प्ले आफ से 2 टीम को प्रवेश मिल सकेगा। भारत को 2026 के विश्वकप फुटबाल के मुख्य स्पर्धा में योग्यता हासिल करने के लिए ग्रुप में कतर, कुवैत व अफगानिस्तान के साथ रखा गया था जब इस स्पर्धा के लिए ड्रा निकाला गया तब दुनिया में भारत के फुटबाल खेलने वाले 211 देशों में से 99वें थी। भारत (एशिया में 18 रेंक)का मुकाबला कतर (59 रेंक), कुवैत (137 रेंक) और अफगानिस्तान (157 रेंक) से होना तय हुआ। इसमें भारत ने कुवैत को 1-0 से हराया। जबकि कतर से 0-3 से परास्त हुए। अफगानिस्तान से 21 मार्च 2024 को मुकाबला होगा। भारत की टीम को एक लंबा सफर तय करना है। अब उपरोक्त टीम के बीच एक-एक बार और मैच होना है फिर ग्रुप ए में पहले दो स्थान पर रहने वाली टीम अगले दौर के लिए योग्यता हासिल करेगी। भारत की फुटबाल टीम का एक गौरवशाली इतिहास रहा है जबकि भारतीय टीम 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक खेलों में सेमीफायनल तक पहुंची थी जबकि एशियन गेम्स में 1951, 1962 में चैंपियन रहे। 1970 में भारत को कांस्य पदक मिला। वर्तमान भारतीय टीम में ब्रेंउन फरनाडीज़, इशान पंडिता, गुरुप्रीत सिंह, राहुल भेके, सुभाषिस बोस, लाल चुंगनुंगा, संदेश झिगन, आकाश मिश्रा, अनिरुद्ध थापा, सुरेश सिंह, मानवीर सिंह, लालेंगमानिया, कप्ता सुनील छेत्री, लिस्टन कोलारो, विशाल कैथ, केपी राहुल जैसे खिलाड़ी हैं। इन खिलाडिय़ों को फिलहाल काफी मेहनत करने की जरूरत है। विश्व कप योग्यता चक्र के पहले दो मैच में हमारे खिलाडिय़ों का प्रदश्रन संतोषप्रद रहा है। आज जबकि दुनिया में फुटबाल को लगातार बढ़ावा दिया जाता है तो फिर हमारे देश की टीम अच्छा प्रदर्शन क्यों नहीं कर पाती है। अत: नये खिलाडिय़ों की खोज की आवश्यकता है। साथ ही उनको उचित प्रोत्साहन, प्रशिक्षण और सुविधा देना होगा। 142 करोड़ आबादी वाले देश की विश्व रेकिंग 99 है तो फिर फुटबाल के भविष्य को देखते हुए यह चिंताजनक है।