खेल – मनोरंजन

नीरज साबित होंगे भारत के सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

जारी है 2023 के एशियाई खेलों में भारत का अतुलनीय प्रदर्शन

15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से मुक्ति के बाद हमारे देश में विज्ञान, कला, वाणिज्य, कृषि, सिंचाई, परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार आदि क्षेत्रों में ऐतिहासिक उपलब्धि रही है। एक क्षेत्र खेलकूद जिसमें 20वीं सदी में सफलता अपेक्षाकृत कम थी अब 21वीं सदी के पहले 23 वर्षों तक उसमें लगातार धमाकेदार प्रदर्शन आ रहे हैं। नये खिलाड़ी उभरकर आ रहे हैं और स्पर्धा चाहे एकल हो या सामूहिक सभी कुछ न कुछ शानदार खेल हमारे प्रतिभागी दिखा रहे हैं। कुछ ऐसा ही कमाल भारत के टै्रक व फील्ड के एथलीट 25 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने किया है। सिर्फ 19 वर्ष की आयु से भालाफेंक में हाथ आजमाने वाले पानीपत हरियाणा के नीरज चोपड़ा 2016 से अब तक सिर्फ सात वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सभी प्रमुख चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतकर एक ऐतिहासिक कीर्तिमान बना दिया है। एथलेटिक्स की बात करें तो विश्व में चार प्रमुख बहुखेल प्रतियोगिता वरिष्ठ भारतीय खिलाडिय़ों के लिए होती है। उनमें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल, विश्व एथलेटिक्स टूर्नामेंट, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेल सबसे प्रमुख है। इन चारों चैंपियनशिप में भाग लेते हुए उसमें अपने अपने इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाले एथलीट की श्रेणी में अब भारत में सिर्फ नीरज चोपड़ा ही है। नीरज ने 2020 के ओलंपिक, 2022 के विश्व एथलेक्टिस, 2018 तथा 2023 के एशियाई खेलों, 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में भालाफेंक इवेंट में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया है। हमारे देश में टै्रक एंड फील्ड के प्रमुख खिलाडिय़ों में अंजू बाबी जार्ज, पीटी उषा, श्रीराम सिंह, शिवनाथ सिंह, शाइनी अब्राहम, मिल्खा सिंह आदि कुछ ही शामिल हैं। इनमें से किसी खिलाड़ी ने एक साथ ओलंपिक, एशियाई, राष्ट्रमंडल खेलों तथा विश्व एथलेक्टिस चैंपियनशिप में पदक नहीं जीता है। जबकि ऐसा कमाल नीरज चोपड़ा ने करके दिखाया है अत: स्पष्ट है कि नीरज चोपड़ा भारत के महान औरवे किसी भी खेल में चाहे एकल हो या सामूहिक उसमें हमारे देश के सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन गये हैं। अगर हम अन्य एकल गैर ओलंपिक खेलों की बात करें तो शतरंज के खिलाड़ी विश्वनाथ आनंद, ओलंपिक खेलों में टेनिस में लिएंडर पेस, बैडमिंटन में पीवी सिंधु, मुक्केबाजी में एमसी मेरीकाम, भारोत्तोलन में मीनाबाई चानू, कुश्ती में सुशील कुमार, निशानेबाजी में अभिनव बिंद्रा, स्वतंत्रता के पूर्व सामूहिक खेल हॉकी में मेजर ध्यानचंद, स्वतंत्रता पश्चात छत्तीसगढ़ के लेस्ली क्लाडियस, पंजाब के उधम सिंह, तीरंदाजी में अतानुदास, तरुण दीपराय, जयंत तालुकदार, दीपिका कुमारी डोला बनर्जी, बी.देवी लैशराम आदि को हम भारत के महान खिलाडिय़ों की श्रेणी में रख सकते हैं। नीरज की सफलता भारतीय युवा पीढ़ी को हमेशा खेलों के लिए प्रोत्साहन देती रहेगी। नीरज के व्यक्तिगत प्रयास के साथ ही केंद्र सरकार के खेल विभाग द्वारा तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भारत को विश्व खेल गुरु बनाने की दिशा में उठाये गये कदम के अनुसार प्रशिक्षण हेतु देश/विदेश में पूरी सुविधा प्रदान की गई। नीरज चोपड़ा शासकीय मदद के द्वारा भारत का विश्व में नाम रौशन करने में किसी तरह की कोई कमी नहीं की है। नीरज का उदाहरण भारत के उभरते हुए खेल प्रतिभागियों के लिए आदर्श है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button