सफलता के लिए पसीना बहा रहे प्रतिभागी
बहुखेल स्पर्धा, ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 2024 में पेरिस की बारी
जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
खेल के माध्यम से संसार में प्रेम, एकता, शांति की चाहत रखने वालों ने पेरिस के महान विचारक तथा नेतृत्वकर्ता पियरे डी कुबर्टिन के माध्यम से वर्षों से बंद विश्वस्तरीय प्रतियोगिता आधुनिक ओलंपिक खेलों को 1503 वर्षों बाद पुन: आरंभ करने में मदद की। काफी मनन-चिंतन के बाद दुनिया के सभी देशों को खेल के माध्यम से जोडऩे के लिए 1896 में यूनान के एथेंस में आधुनिक ओलंपिक खेलों का शुभारंभ हुआ जो आज तक जारी है। इस वर्ष 26 जुलाई से 11 अगस्त तक फ्रांस के शहर पेरिस में इन खेलों का आयोजन होगा। वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्यों की संख्या 206 हैं परंतु उनमें से 1986 से 2020 तक 156 देश के प्रतिभागियों ने कभी न कभी स्वर्ण, रजत या कांस्य पदक हासिल किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने अब तक सर्वाधिक 1061 स्वर्ण, 830 रजत, 738 कांस्य समेत 2,629 पदक प्राप्त किया है। पदक तालिका में एशियाई देशों में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया आदि प्रमुख हैं। भारतीय खिलाडिय़ों ने ओलंपिक खेलों में बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं किया है। भारत ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में 25 बार भाग लिया है तथा 35 पदक प्राप्त किए हैं। भारत के अब तक के प्रदर्शन को अच्छा नहीं कहा जा सकता परंतु 2014 के बाद से भारतीय खिलाडिय़ों ने प्रभावी प्रदर्शन प्रारंभ किया है। हमारे प्रतिभागियों ने सबसे अधिक हाकी में 8 स्वर्ण, रजत, 3 कांस्य पदक हाकी में प्राप्त किया है। इसके अलावा कुश्ती में 7, निशानेबाजी में 4, एथलेटिक्स में तीन, बैडमिंटन में 3, भारोत्तोलन में तीन, मुक्केबाजी में 3 तथा टेनिस में एक पदक जीता है। 2014 के बाद से खेलों इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से अनेक खेलों में प्रतिभाएं सामने आ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिर्फ खेल बजट में करीब तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी की है। केंद्र में सरकार किसी भी राजनैतिक दल की हो परंतु उन्हें खेल व खिलाडिय़ों के उत्थान के लिए कार्य करना होगा। जिस तरह गैर ओलंपिक खेलों क्रिकेट, शतरंज, कबड््डी, खो-खो में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी-बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब हमारे खेल के कर्णधारों को ओलंपिक में शामिल खेलों में खिलाडिय़ों के खोज और प्रशिक्षण पर ध्यान देना होगा। पेरिस ओलंपिक में 32 खेलों के 329 इवेंट होंगे। इनमें जलक्रीड़ा (आर्टिस्टिक तैराकी, डायविंग, मेराथन तैराकी, तैराकी तथा वाटरपोलो), तीरंदाजी, एथेलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबाल, (सभी खिलाड़ी और 3&3), मुक्केबाजी, बे्रकिंग, केनोइंग (सलालोम, स्प्रिंट), सायकलिंग (बीएमएक्स फ्री स्टाईल, रेसिंग, माउंटेन बाइकिंग, रोड, ट्रेक), घुड़सवारी (ड्रेसेज, इवेंटिंग, जंपिंग), तलवारबाजी, हॉकी, फुटबाल, गोल्फ, जिम्नास्टिक (आर्टिस्टिक, रिदमेटिक, ट्रापोलिन), हैंडबाल, जुडो, मार्डन पेंटाथलान, नौकायन, रग्बी सेवन, पाल नौकायन, निशानेबाजी, स्केटबोर्डिंग, स्पोर्ट्स क्लाइबिंग, सर्फिंग, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो, टेनिस, ट्राइथलान, व्हालीबाल (सभी, बीच), भारोत्तोलन, कुश्ती (फ्री स्टाईल, ग्रीको रोमन), शामिल हैं। इस तरह केंद्र सरकार की खेलो इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से उपरोक्त खेलों में खिलाडिय़ों का चयन व प्रशिक्षण में गंभीरता दिखाई जानी चाहिए। ऐसा करने से भारत विश्व खेलकूद में प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकेगा।