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छत्तीसगढ़

गरियाबंद जिले की महिलाएं प्रसव पीड़ा होने पर निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचेंगी

गरियाबंद । जिले का ज्यादातर हिस्सा पिछडा इलाका और अस्पतालों से ग्रामीण क्षेत्र की दूरी अधिक होने के चलते कई बार प्रसव पीड़ा के दौरान 102 एंबुलेंस के नहीं पहुंचने और देर से पहुंचने की समस्या को की गरियाबंद जिले के कलेक्टर आकाश छिकारा ने गंभीरता से लिया और एक नई पहल करते हुए त्वरित योजना बनाकर इस समस्या का समाधान निकाल जिससे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं प्रसव के समय होने वाली तकलीफ या मौत से बच पाएंगे इस योजना को नाम दिया गया है ‘मोर जचकी मोर गाड़ी ” इस योजना से दूर-दूर से पहुंचने वाली ग्रामीण महिलाएं अस्पताल पहुंचने पर वाहन निजी वाहन मालिकों को तत्काल शासन की ओर से राशि दी जायेगी वहां जल्दी पहुंचने से जच्चा बच्चा दोनों को प्रसव में कोई दिक्कत नहीं आएगी जिले भर से 100 से अधिक निजी वाहन का पंजीयन गर्भवती पीडि़त महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने हेतु किया गया है जरूर पढ़ते ही मितानिन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता अब गांव में ही मौजूद वाहन का उपयोग गर्भवती माता को नजदीकी अस्पताल तक ले जाने के लिए कर सकेंगे।

इस संबंध में जिलाधीश आकाश छिकरे से चर्चा करने पर वह कहते हैं इस योजना का एक बहुत बड़ा फायदा यह होगा कि अनेक अवसरों पर गर्भवती महिलाएं समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाती शासकीय वाहनों की कमी बनी रहती है 102 और 108 लगातार अन्यत्र स्थान को में रहते हैं इससे निजी वाहन के माध्यम से गर्भवती माताएं अस्पताल तक पहुंच करके सुरक्षित प्रसव कर सकेंगे और शासन की ओर से भी इन निजी वाहनों के मालिकों को वहन खर्च प्रदान किया जाएगा जिससे उनको भी नुकसान नहीं होगा वहीं
एक वाहन चालक से चर्चा करने पर वे कहते हैं कि वैसे भी हमारी इच्छा महिलाओं को प्रसव के समय मदद करने की रहती है और यह हमारा सौभाग्य होगा कि हम अपनी माता बहनों को समय पर अस्पताल पहुंचा सकेंगे और सुरक्षित प्रसव करवा सकेंगे जहां तक राशि की बात है अगर शासन देती है तो हम उनके व्यक्तिगत रूप से आभारी रहेंगे और डीजल और वहां के खर्च कम से काम निकालता रहेगा

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