नवनिर्मित पाथ-वे व नालों पर फिर से होने लगे कब्जे,पालिका मौन
दंतेवाड़ा । नगर पालिका ने हाल ही में लाखों रूपए खर्च कर नगर के मुख्य सड़क किनारे नालों व पाथ वे का निर्माण करवाया है। निर्माण कार्य अभी भी जारी है। नालों का जहां निर्माण हो गया है वहां फिर से कुछ लोग ठेले खोमचे लगाने के नाम पर अतिक्रमण कर लिए हैं ।
नव निर्मित पाथवे की बात करें तो निर्माण अभी हाल ही में हुआ है। यहां भी अतिक्रमण से लोग बाज नहीं आ रहे। नए बने पाथ वे पर कई व्यापारी अपना सामान रखकर रास्ता जाम कर रखे हैं तो कुछ व्यापारी अपने दुकानों का नेम बोर्ड रखकर तो कोई स्टॉल लगाकर पाथ वे की घेराबंदी करने में लगा है। बाहर से आए एक व्यापारी ने तो बिना पालिका से परमिशन लिए ही पाथवे को घेरकर अस्थायी स्टॉल लगाकर मजे से कपडे बेच रहा है। जबकि पाथवे का निर्माण प्रशासन ने लोगों को पैदल चलने के लिए बनाया है। पाथवे मार्ग पूरी तरह से लोगों को चलने के लिए खुला होना चाहिए। मुख्य सडक की नालियों की बात करें तो नालियोंं पर भी अतिक्रमण, सड़कों पर वाहन खड़े कर सड़कों में अतिक्रमण तथा पाथ वे पर सामान बिखेरकर पाथ वे का अतिक्रमण अस्त व्यस्त मार्केट, यही पहचान है दंतेवाड़ा नगर पालिका क्षेत्र की। साल में केवल तीज त्यौहारों के वक्त पालिका कुंभकर्णी नींद से जागती है। दुकानदारों को औपचारिकता वाली नोटिस भेजा जाता है। मगर न तो नालियों से अतिक्रमण हटता है न ही पालिका कोई ठोस कारवाई ही करती है। ढाक के तीन पात वाली कहावत की तर्ज पर मामला टांय टांस फिस्स हो जाता है और फिर वहीं भेडिया धसान चाल शुरू हो जाता है। यही है नगर पालिका की असल कहानी। पालिका के पास बहुत से अधिकार हैं मगर वो इसका इस्तेमाल नहीं करती या फिर कहें तो नगर पालिका के अधिकारी में वो गट्स नहीं जो नियम के तहत कारवाई कर सके। नतीजतन परेशानी तो आम लोगों को उठानी पड़ती है।