सड़क पर दुकान से यातायात का बुरा हाल, हमेशा जाम की स्थिति, जनता परेशान
भाटापारा । रामलीला मैदान, महीना बीतने को आया प्रदर्शनी ने जैसा माहौल बनाया हुआ है, उससे इस मैदान में होने वाले आयोजन बीच सड़क पर हो रहे हैं इधर पर्व और त्योहारो के दिन चालू हो चुके हैं तो विधानसभा चुनाव की तैयारीयां खूब देखी जा रही है। यह सब मिलकर उस यातायातअव्यवस्था को और भी बढ़ा रही है। जो पहले से ही चौपट है।
बीते दिवस दो बड़े आयोजन हुए वैसे विशुद्ध दोनों राजनैतिक कार्यक्रमों में बड़ी भीड़ जुटी पूरा दिन सड़कों पर ऐसी आवाजाही रही कि पैदल चलने वालों को भी परेशान होना पड़ा। जिम्मेदार महकमा गश्त करना तो दूर दिखाई तक नहीं दिया लेकिन जगह- जगह सुस्ती की चर्चा शहर भर में होती रही। शेष शहर अव्यवस्था का सामना देर रात तक करता रहे। रामलीला मैदान यानी पुराना गंज। महीना बीतने को आया, यहां प्रदर्शनी लगी हुई, है, इसलिए रोज शाम जय स्तंभ चौक और आस -पड़ोस बदहाल स्थिति के बीच में रहता है। जहां- तहां दो पहिया और चार पहिया खड़ी करने के बाद किस तरह पैदल आवाजाही हो पाती है ? पूछा जा रहा है कि प्रदर्शनी की अनुमति देते समय पार्किंग की व्यवस्था क्यों नहीं की गई या कहां है पार्किंग ?
पर्व करीब हैं ऐसे में संबंधित सामाग्रीयां बेचनें वाली दुकाने सड़क पर उतर आई हैं। पहले से ही सड़कों पर सब्जी व फल ठेले वालों का कब्जा है। ऐसे में संबंधित सामाग्रीयों की दुकानों का लगना ढेर सारी समस्याओं को सामने ला रहा है। हद तो तब, जब ऐसी व्यापारिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार पालिका प्रशासन सामने नहीं आता। ध्यान सिर्फ कर वसूली तक ही सीमित है। ग्रामीण क्षेत्रों से सारा दिन आवाजाही होती रही। सड़क पर यातायात का दबाव देर रात तक बना रहा। चौक-चौहारो की हालत सहज जानी जा सकती है। जिम्मेदारों की जिम्मेदारी सिर्फ वी आई पी की सुरक्षा और उनकी आसान आवाजाही तक ही बनी रही। शहर देखता रहा। देख भी रहा है। मालूम है ऐसे ही बीतेगें आने वाले दिन।