https://tarunchhattisgarh.in/wp-content/uploads/2024/03/1-2.jpg
छत्तीसगढ़

परंपरानुसार मांईजी को आज शाम बांधी जाएगी राखी

दंतेवाड़ा । भाई-बहिन के पवित्र प्रेम का पर्व रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पूर्व आज शाम बस्तर की आराध्य देवी माता दंतेश्वरी को सात सेवादारों द्वारा कच्चे धागे से तैयार की गई रक्षासूत्र बांधने की अनुठी परंपरा का निवर्हन किया जाएगा। मां भगवती के लिये सेवादारों ने हल्दी, कुमकुम और चंदन से तैयार कच्चे धागे से निर्मित विशेष राखी तैयार की है। पर्व से एक दिन पूर्व राखी पहनाने की परंपरा रियासलकाल से चली आ रही है।
गौरतलब है कि हर वर्ष रक्षाबंधन से करीब दो दिन पहले दंतेश्वरी मंदिर के सेवादार, भंडारी व तुड़पा द्वारा कच्चे धागे से निर्मित रक्षासूत्र तैयार किया जाता है। रक्षासूत्र तैयार करने के बाद परंपरानुसार सेवादार, मांझी, भंडारी, राउत व तुडपा तैयार की गई रक्षासूत्र को बांस से निर्मित टोकरी में रखकर विधिवत गाजे-बाजे व बाजा मोहरी के साथ शीतला माता मंदिर स्थित दंतेश्वरी सरोवर में जाकर उसे डूबोकर शुद्ध कर गुड, पुष्प, चंदन व कुमकुम अर्पित कर माता को बांधे जाने वाली राखी की पूजा की गई इसके बाद रक्षासूत्र को वापस मंदिर के कलश स्थापना कक्ष में लाकर रखा जाता है। माईजी की सरोवर में कच्चे धागे से निर्मित राखी को धोकर शुद्ध करने की परंपरा मंगलवार शाम निभाई गई। जिसके बाद आज शाम 5 बजे मंदिर के पुजारी पूजा अर्चना करेंगे तत्पश्चात माईजी को कच्चे धागे से तैयार की गई विशेष राखी अर्पित की जाएगी जिसके बाद मंदिर में विराजमान अन्य देवी देवताओं को भी रक्षासूत्र बांधने की परंपरा निभाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि बस्तर की प्रसिद्ध मां दंतेश्वरी मंदिर में रक्षाबंधन से एक दिन पहले माईजी को रक्षासूत्र अर्पित करने की परंपरा कोई आज की नहीं बल्कि रियासतकाल से चली आ रही है। इस परंपरा का निर्वाह आज भी पूरे भक्तिभाव के साथ किया जाएगा। माईजी को रक्षासूत्र अर्पित करने के बाद महाआरती की जाती है, जिसमें शामिल होने बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मंदिर पहुंचते हैं। इस दौरान भक्त भी श्रद्धानुसार मंदिर में विराजमान देवताओं को रक्षासूत्र अर्पित कर उनसे सुख समृद्धि का आर्शीवाद मांगते हैं।

Related Articles

Back to top button