आश्रम व छात्रावासों में बच्चियों की सुरक्षा नहीं कर पा रही सरकार:ओजस्वी मंडावी
दंतेवाड़ा । भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश मंत्री एवं जिला प्रभारी सुकमा भाजपा ओजस्वी भीमा मंडावी ने सुकमा जिले के एर्राबोर में पांच साल की मासूम बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। श्रीमति मण्डावी ने कहा कि प्रदेश में चारो ओर कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं की अस्मिता के लुटेरे दरिंदगी की हदें पार करते जा रहे हैं और प्रदेश सरकार सियासी ड्रामेबाजी में मशगूल है। भाजपा प्रदेश मंत्री ने कहा कि एर्राबोर के शासकीय कन्या आवासीय विद्यालय में घटी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बावजूद प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था के राज की दुहाई देती है तो यह प्रदेश को शर्मसार करने वाली बात है। प्रदेश के शैक्षणिक व आवासीय आश्रमों-छात्रावासों में भी अगर बच्चियों की सुरक्षा यह सरकार और उसके कारिंदे सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसी बेशर्म और नाकारा सरकार को छत्तीसगढ़ पर असहनीय बोझ बनकर एक क्षण भी सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। श्रीमती मण्डावी ने कहा कि आश्रम अधीक्षिका द्वारा इस मामले को तीन दिनों तक दबाए रखना और गुमराह करना बेहद गंभीर मामला है। यदि भाजपा के जागरूक कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधि इस मामले को सामने लाकर आवाज नहीं उठाते तो यह मामला रफा-दफा हो जाता। भाजपा प्रदेश मंत्री एवं जिला प्रभारी भाजपा सुकमा ने कहा कि इस मामले में आरोपियों और घटना के जानकारों को राजनीतिक संरक्षण देकर बचाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना से प्रदेश की कांग्रेस सरकार का घोर आदिवासी विरोधी चरित्र एक बार फिर बेनकाब हुआ है। संवेदनशीलता का बेसुरा राग अलापते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्थानीय विधायक एवं मंत्री कवासी लखमा अपनी संवेदनहीन पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करने पर मौन क्यों साधे बैठे हैं? ओजस्वी मण्डावी ने शासन व प्रशासन को आगाह किया कि इस घटना की तत्काल जाँच कराएँ और सभी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई कर पीडि़त आदिवासी परिवार को न्याय मुहैया कराएँ। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विधानसभा में जिन आँकड़ों का हवाला दिया है, उससे इस बात की तस्दीक हो रही है कि कांग्रेस के पूरे शासनकाल में लगभग 5 हजार वारदातें दुष्कर्म की घटी हैं और महिला सुरक्षा के तमाम सरकारी दावे खोखले साबित हुए हैं। प्रदेश सरकार के निकम्मेपन की सजा प्रदेश की निर्दोष बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाएँ भुगत रही हैं और कांग्रेस के नेता, पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि दुष्कर्म के आरोपियों को संरक्षण देकर प्रदेश को गर्त में धकेल रहे हैं ।