स्कूल मेें पढऩे वाले अधिकतर बच्चों में फैल रहा कंजक्टिवाईटिस वायरस
पत्थलगांव । शहर के अधिकंाश स्कूलों में पढाऩे वाले बच्चों की आंखो में इन दिनों कंजक्टिवाईटिस वायरस फैला हुआ है,जिसके कारण बच्चो की आंखों में जलन के साथ पानी बहना एवं आंखों मे सूजन के लक्षण भी देखने को मिल रहे है। डॉक्टरो के अनुसार यह एक प्रकार का बुखार है जो सीधे तौर पर बच्चों के साथ-साथ बडो मे भी तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक गाईडलाईन भी जारी कर दिया है। ब्लाक चिकित्सा अधिकारी डॉ जेम्स मिंज ने बताया कि कंजक्टिवाईटिस वायरस से ग्रसित बच्चे या बड़े के संपर्क में ना आना ही इसकी रोकथाम का सरल उपाय है। उन्होंने ग्रसित मरीज को दिन के अंतराल में अनेक बार आंख की दवा डालने की सलाह दी है,उनका कहना था कि अक्सर बारिश के मौसम मे यह वायरस फैलकर आंखों को नुकसान पहुंचाता है परंतु यह घातक नही है,इसका ईलाज मामूली आई ड्राप से भी किया जा सकता है। दो से तीन दिन रहने वाली इस बिमारी से ग्रसित मरीज खुद को स्वस्थ लोगों के संपर्क में आने से रोककर बिमारी फैलने से बचा सकते है। दरअसल इन दिनो कंजक्टिवाईटिस वायरस स्कूली बच्चों के अंदर तेजी से फैल रहा है,यही कारण है कि प्रतिरोज 15 से 20 बच्चों को स्कूल संचालक आराम करने के लिए घर भेज रहे है। कंजक्टिवाईटिस वायरस के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार यह पिछले दो सप्ताह से तेजी से फैल रहा है। स्थानीय बोली में कंजक्टिवाइटिस को आंख आना भी कहा जाता है। यह बिमारी कोई नयी नही है। नेत्र रोग विशेषज्ञ अनिता मिंज ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति अपना कपड़ा,तौलिया और अन्य चीजें अलग रखें। अपनी आंखों को बार-बार ना मसले। संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों को रोगनिरोधी एंटीबायोटिक्स लेनी चाहिए,स्टेरॉयड ड्रॉप्स के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
स्कूल प्रबंधक गंभीर नही-:नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अनिता मिंज ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है। छोटे बच्चों में अश्रु नलिका के पूरी तरह खुला न होने से भी अक्सर पिंक आई की समस्या हो जाती है। शहर में फैला कंजक्टिवाइटिस बैक्टेरियल है। बच्चे इसके संक्रमण में ज्यादा आ रहे हैं। स्कूल प्रबंधनों ने इसे लेकर गंभीर नहीं है। कई ऐसे बच्चे देखे जा रहे हैं जो कि संक्रमित होने के बावजूद स्कूल जा रहे हैं। कुछ स्कूल प्रबंधन द्वारा इसे लेकर बच्चों को स्कूल न आने के निर्देश मौखिक रूप से दिए गए हैं।।
कंजक्टिवाईटिस वायरस के लक्षण-:आंख आने से ग्रसित व्यक्ति के लक्षण देेखे जाये तो उसकी आंखे लाल दिखायी देंगी। उसके अलावा आंखों से पानी आने लगता है, जलन होती है, पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होने लगता है। आंखों में चुभन होने के साथ-साथ सूजन आ जाती है। आंखों से पानी आना और खुजली होना इसके सामान्यत: दिखाई देने वाले लक्षण हैं,अगर इन्फेक्शन गहरा हो तो आंखों की कॉर्निया को भी नुकसान हो सकता है जिससे आंखों की दृष्टि प्रभावित हो सकती है।।