छत्तीसगढ़

सिक्ख समाज ने गुरु अर्जन देव की शहादत दिवस पर आम लोगों का वितरित किया

भाटापारा । सिख धर्म में सबसे पहली शहीदी सिक्खो के पांचवें गुरु, धन् गुरु अर्जुन देव जी की हुई। शांति के पुंज, शहीदों के सरताज, अर्जुन देव जी को मुगल बादशाह जहांगीर द्वारा शहीद ही नहीं किया गया, बल्कि गुरु जी को ऐसी यातनाएं दीं गयी, जिन्हे सुनकर रूह कांप जाती है। ये यातनाएं अमानवीय थीं। विश्व को ‘सरबत दा भलाÓ का संदेश देने वाले किसी गुरु को यातनाएं देकर शहीद कर देना मुगल साम्राज्य के पतन का भी कारण बना।गुरु अर्जुन देव जी का संगत को एक और बड़ा संदेश था कि परमेश्वर की रजा में राजी रहना। जब आपको जहांगीर के आदेश पर आग के समान तप रही तवी पर बिठा दिया, उस समय भी आप परमेश्वर का शुक्राना कर रहे थे।
अमरजीत सलूजा अध्यक्ष पंजाबी युवा समिति ने बताया कि आज गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा भाटापारा एवं बापू होटल चौक मे छबील का कार्यक्रम रखा गया था द्य समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। अमरजीत सलूजा ने यह भी बताया कि भाटापारा के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी आशीष अरोरा साहब ने भी छबील की सेवा में हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में समाज के बलवंत सिंह सलूजा राजा गुंबर, भाग् सिघ् सलूजा, सुशील सेठी, गुरमीत गुम्बर, विजय आनंद, संजय गुम्बर, हरप्रीत सलूजा बेअंत सिंह खालसा, गुरमीत गुंबर मोहन खालसा, गगनजीत आनंद, जॉन्टी गुंबर, मीत् छाबड़ा, गुरदयाल गुम्बर, सरनजीत सिंह खालसा, हर्षमीत सलूजा, आयुष सेठी, परमजीत छाबरा उमंग चावला रोबिन चावला सरनप्रीत खालसा हैप्पी वीर जी गुरदयाल गुंबर समाज के प्रमुख लोग उपस्थित थे।

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