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छत्तीसगढ़

संघर्षों से घबराने वाले छात्रों को बाबा साहब अंबेडकर के संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए: डांगी

महासमुंद। पहली बार जिला स्तर पर सर्व समाज के बैनर तले संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती को मनाया गया। शंकराचार्य भवन से भव्य शोभायात्रा बस्तरिहा आदिवासी नृत्य नगरी, ओडिशा आदिवासी नृत्य, पंथी, राऊत नाचा में धुमाल और डीजे के धुन पर झुमते नाचते हुए हजारों की संख्या में आंबेडकर अनुयाई नगर भ्रमण करते हुए हाईस्कूल मैदान में आयोजित सभा में शामिल हुए।
सभा में मुख्य वक्ता वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी ने बाबा साहब के जीवन संघर्ष का स्मरण करते हुए कहा कि आज के छात्र व युवा वर्ग जो शिक्षण संस्थानों में भेदभाव के कारण आत्महत्या कर लेते हैं, उसे बाबा साहब के साथ हुए भेदभाव व सहनशीलता और सफलता से प्रेरणा लेना चाहिए, ना कि हताश होकर जान देनी चाहिए। उन्होंने समाज के अधिकारी-कर्मचारियों को जरुरतमंद बच्चों के शिक्षा के लिए भी सहयोग करने की अपील भी की। पूर्व कमिश्नर दिलीप वासनीकर ने धर्मांतरित अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को दिए जा आरक्षण के खिलाफ कर रहे आंदोलन को संविधान के मूलभावानाओं के विरुद्ध बताया। जबकि, संविधान में बाबा साहब ने धर्म परिवर्तन करने वाले एससी-एसटी वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था दिया गया है। एडवोकेट फैजल रिजवी पाशा ने भारतीय संविधान को दुनिया का श्रेष्ठ संविधान बताते हुए 100 नग संविधान की पुस्तकें सर्व समाज के सभी जिलाध्यक्षों व पुलिस अधिकारी कर्मचारी तथा सामाजिक लोगों को भेंट किया।महिला बाल विकास के विशेष सचिव पोषण चंद्राकार ने समाज को संगठित होकर सत्ता में काबिज होने का आह्वान करते हुए कहा कि कुछ चुनिंदा राजनीतिक दलें सालों साल तक सत्ता में है। फिर भी देश की बहुसंख्यक समाज को उनके हक अधिकार से वंचित रखा गया है।
इसलिए देश के बहुसंख्यक मेहनत कश समाज को सत्ता प्राप्ति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सत्ता ही सारी समस्याओं का हल है। पीएल सिदार ने कहा कि अब तक बहुत से ईश्वरीय शक्तियों ने अवतार लिया, लेकिन किसी ने बाबा साहब आंबेडकर जैसे वंचित, शोषित, पिछड़ी समाज के लोगों के लिए नहीं किया। वे महिलाओं के उद्धारकर्ता बने। हिंदू कोड बिल पास नहीं होने पर उन्होंने कानून मंत्री के पद को त्याग दिया। महासमुंद पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने सभा में उपस्थित सभी लोगों को संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कराया तथा बाबा साहब के समतामूलक व्यवस्था का गुणगान करते हुए जिला स्तरीय आयोजन के लिए हर्ष जताया। विशिष्ट अतिथि सर्व छत्तीसगढ़ीया समाज महासंघ व मरार समाज के जिलाध्यक्ष पवन पटेल, कुर्मी समाज के वीरेंद्र चंद्राकर, निषाद समाज के ढेलू निषाद, सारथी समाज के तुलेंद्र सागर, सर्व आदिवासी महिला प्रभाग के डॉली ध्रुव, गोंड समाज के एमएल ध्रुव, बौद्ध महासभा के शंकर नंदेश्वर, रविदास समाज के रामकृष्ण मिरी, साहू समाज से धरमदास साहू, सतनामी समाज से विजय बंजारे, अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ अजाक्स के कमलेश ध्रुव व एडिशनल एसपी गिरपुंजे रहे। कार्यक्रम में प्रमुख योगदान मुख्य संयोजक त्रिभुवन महिलांग, एचआर बघेल, कुणाल रंगारी, बबलू हरपाल, नानजी बाघमारे, हीरा जोगी, महेंद्र कोसरिया, एचआर सोनवानी, देवेन्द्र मेश्राम, रुपेश महिलांग, धनुष यादव का रहा तथा कार्यक्रम में बहुतायत संख्या में अधिकारी कर्मचारी व बाबा साहब के अनुयाई उपस्थित रहे।

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