पानी के लिय भटक रहे हिरण का शिकार वन विभाग ने चार लोगों का पकड़ा
राजिम/छुरा । सिमटते जंगल और अवैध शिकार के बीच एक बार फिर ग्रामीणों ने जंगल की शोभा बढ़ाने वाले जीव जंतु को अपने स्वार्थ के लिए मौत के घाट उतारने में। लगे हुए हैं।ऐसा ही एक मामला वन परिक्षेत्र छुरा के चरौदा बीट अंतर्गत कक्ष क्रमांक 185 आरक्षित वन अंतर्गत खैरभांड़ी के जंगल में एक चीतल का शिकार किया गया है ।चीतल जब भीषण गर्मी में पानी की तलाश भटक रहा था तो । गांव के चार ग्रामीणों ने मांस खाने के लालच में हिरण का शिकार कर ये चारो ग्रामीण शिकार किय हिरण का मांस को आपस में बराबर बराबर हिस्सा में बाटने के लिए काट रहे थे ।इसी बीच वन परिक्षेत्र के अधिकारियों को मुखबिर के माध्यम से पता चला हिरण का शिकार कर कुछ लोग जंगल में हिरण का मांस काट रहे है। सूचना पर चरौदा बिट सहित छुरा के परिक्षेत्र अधिकारी को घटना का पता चला और आरोपियों को पकडऩे के योजना बनाई और मौके पर दबिश देकर विभाग के टीम ने रंगे हाथों आरोपियों को पकड़ा । बताया जा रहा है की मृत मादा हिरण लगभग 55 किलो के आसपास का था । मृत चीतल को पशु चिकित्सा विभाग के डाक्टरों के द्वारा पोस्टमार्टम कर छुरा स्थित पत्ता गोदाम के प्रांगण में वन विभाग के आला अधिकारियों की उपस्थिति में चीतल के शव का दाह संस्कार किया गया। इसी क्रम में अभी गरियाबंद ब्लाक के ग्राम कोपेकसा में पिछले दो दिन पहले तीन लोगों को तेंदुआ के खाल के साथ गिरफ्तार किया गया था। पर अंदुरूनी जंगल में इस तरह के अवैध शिकार बहुत फल फूल रहा है ।समय रहते अगर विभाग बड़ी कार्यवाही नहीं करेंगे तो धीरे धीरे ये जंगल सुंदर।जीव जंतु नष्ट हो जायेंगे पर हार बार की तरह छोटे शिकारी ही हाथ लगते जिस दिन वन मंडल गरियाबंद के अधिकारी बंदूक धारी बड़े शिकारी को रंगे हाथों पकड़ेंगे उस दिन विभाग के लिए यह बड़ा कार्य होगा ।पर पहुंच वाले रसूख वाले शिकारियों तक विभाग के हाथ नही पहुंच पा रहा है । वहीं चारों ग्रामीणों को वन्यजीव प्राणी संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत रिमांड पर लिया गया है। और आगे कार्यवाही करने की बात सामने आ रही है।