गांव-गांव में हाथी की दहशत
राजिम । गरियाबंद जिले में हाथी से दहशत फैल चुका है गांव गांव में लोग रात जगा करके अपनी जान माल की सुरक्षा में लगे हुए हैं फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम बोरीद ,बिडोरा सरकडा ,नागझर ,तरजूंगा, खैरझिती ,परसदा खुड़सा , सरकड़ा, गुंडरदेही ,गनियारी में आये दिन प्रतिदिन हाथी का आगमन हो रहा है जंगल विभाग के द्वारा कोटवार के माध्यम से मुनियादी कराया जाता है । तो संध्या के समय गांव में एकदम सन्नाटा हो जाता है ! रात में घर से बाहर निकलना मुस्किल हो गया है । अभी एक माह के अंतर्गत तीन लोगों को हाथी ने मार डाला ग्राम बोरिड में एक महिला को सुबह के समय मार डाला ग्राम मोहरा में एक पुरुष को मार डाला ग्राम बोरसि धमतरी में भी एक आदमी को हाथी मार डाला इस प्रकार हाथी बहुत ही हिंसक ओर आदमखोर हो चुका है । फारेस्ट विभाग का पूरा अमला हाथी के पीछे पीछे भाग रहा है फिर भी हाथी से जान माल की सुरक्षा करना संभव नहीं हो रहा है। इस विषय में किसान नेता ओर सामाजिक कार्यकर्ता भुनेश्वर साहू ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि फिंगेश्वर क्षेत्र में हाथी के उत्पात से बचाव के लिए या तो हाथी को किसी सुरक्षित अभ्यारण्य में छोड़ा जाए या नहीं तो हिंसक हाथी को किसी बाड़ा में बंधक बना दिया जाना चाहिए अन्यथा रोज दिन कोइ न कोई निर्दोष लोगों की जान जाति रहेगी। हाथी के द्वारा मृतक लोगो के परिवार को कम से कम 50 लाख रु मुआवजा मिलना चाहिए । अब भविष्य में यदि समय रहते शासन प्रशासन ने कोई सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाया गया तो किसानों के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा ।