जातरा और मां मुत्यालअम्मा के दर्शन को आए तीस हजार श्रद्धालु
कोंटा । छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती क्षेत्र आंध्र के अल्लुरी सीतारामराजू जिले के चिंतुर ब्लाक के दो साल में एक बार होने वाले आदिवासी जातरा आदिवासी वन देवता मां मुत्यालअम्मा और उनके भाई कन्नमराजू , बलराजू , एवं पोतराजू के दर्शन में ओडिशा , आंध्र व छत्तीसगढ़ से लगभग 30 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन प्राप्त किया । जातरा आयोजन ओडिशा व आंध्र के द्वारा सयुक्त रूप से किया जाता हैं । मलकानगिरी में मुत्यालअम्मा व उनके भाईयों का विशेष पूजा के पश्चात के ओडिशा हजारों आदिवासि महिला श्रद्धालुओं के द्वारा हाथ में त्रिसूल लिए साक्षात मुत्यालअम्मा वेश धारण कर ओडिशा के आदिवासियों श्रद्धालुओं ने ओडिशा सरकार द्वारा बनाए गए अस्थाई पुल को पार कर मेला स्थल पहुंच विशेष पूजा अर्चना , पोल्लूरु ग्राम में स्थापित माताजी को गद्दी के लिए रवाना किए ।
मछली की एक झलक के लिए उमड़े हजारों श्रद्धालु
मेले में हिस्से के रूप में दूर दराज वहां पहुंचने वाले भक्तों मानना हैं , की उन्हे आंध्र के पोल्लूरू जलप्रपात में सुनहरी मछली की एक झलक देखने को मिलेगी । इस मछली को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु झरने पर उमड़ पड़े । जातरा के दरमियान यह सुहारी मछली झरने में दिखने पर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं , इसके पश्चात आंध्र व ओडिशा के अधिकारियों के द्वारा वस्त्र चढ़ाया व पोल्लूरू जलप्रपात तक माताजी का शोभा यात्रा निकल कर ओडिशा के सीमा पर सिलेरू नदी से सटे ओडिशा के पोल्लूरू ग्राम में मुत्यालअम्मा व उनके भाईयों का विशेष पूजा की गई , विशेष रूप से बनाई गई नाव पर पुजारियों की उपस्थिति में माताजी को आंध्र के सिलेरु के पार ले जाया गया व पुजारियों ने कड़ी सुरक्षा के बीच पोल्लुरु जलप्रपात में मूर्तियों को स्नान कराया । यह कार्य क्रम में तीन राज्यों से भक्त गण उपस्थित हुए ।
सुरक्षा के रहे व्यापक इंतजाम
दो वर्षो में एक बार होने वाले आदिवासी वन देवता मुत्यालअम्मा की जातरा की में लगभग दस हजार की संख्या में भक्त उपस्थित होते हैं । मेले की बढ़ती भव्य को देख इस वर्ष तीन राज्यों से लगभग तीस हजार की संख्या में भक्त गण उपस्थित हुए । भक्तों को कोई असुविधा व अप्रिय घटने व जातर के पहले से ही ओडिशा व आंध्र की सरकार ने पूर्व विचार की कर पहले से ही रणनीति बना कर बेरिकेड्स लगा कर ,पुलिस , सीआरपीएफ , महिला पुलिस कर्मी , एनटीआरएफ की जलप्रपात से जगह जगह पर तैनात कर सुरक्षा दी गई ।