https://tarunchhattisgarh.in/wp-content/uploads/2024/03/1-2.jpg
छत्तीसगढ़

नागा साधुओं ने निकाली पेशवाई

राजिम । राजिम माघी पुन्नी मेला में पहुंचे पंचनामा जुना अखड़ा से नागा संत-सन्यासियों द्वारा भगवान दत्तात्रेय का आह्वान करते हुए पेशवाई निकाली गई। यह पेशवाई दत्तात्रेय मंदिर से शस्त्र पूजन कर आरंभ किया गया। दत्तात्रेय मंदिर में नागा साधु अपने आराध्य भगवान दत्तात्रेय का पूजा अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर दत्तात्रेय मंदिर के सर्वराकार रामकुमार गोस्वामी, किशोर गोस्वामी, हर्ष गोस्वामी, बलराम गोस्वामी, शिवराज देवांगन, संतोष शर्मा, योगेश शुक्ला, भावना गोस्वामी, अनीता गोस्वामी, सुहासिनी गोस्वामी, कमलाबाई सविता गोस्वामी आदि नागा साधुओं की सेवा में लगे रहे। पेशवाई दत्तात्रेय मंदिर से प्रारंभ होकर सुंदरलाल शर्मा चौक, गायत्री मन्दिर मार्ग, व्हीआईपी मार्ग, मेला मैदान होते हुए लोमष ऋषि आश्रम स्थित अपने पंडाल में पहुंचे, जहां विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर भगवान दत्तात्रेय को स्थापित किया गया। पेशवाई में छत्तीसगढ़ साधु समाज अध्यक्ष उमेशानन्द गिरि महाराज, राजिम मेला अध्यक्ष दिगंबर जनकपुरी, थानापति कमलेशानंद सरस्वती, जमातिया महंत रामगिरि, थानापति बिसम्भर भारती, थानापति सनत पुरी, थानापति रविगिरी, सत्यानन्द, पुजारी रामेश्वर पूरी, कोतवाल गणपति पुरी, सुशांत पुरी, मन्नुगिरी सहित बड़ी संख्या में नागा साधु शामिल थे। पेशवाई के दौरान नागा साधु अपने आखाड़ो का विभिन्न करतब दिखाते व शस्त्र प्रदर्शन करते हुए निकले। उक्त अखाड़ों को देखने एवं नागा-साधुओं का आशीर्वाद प्राप्त करने सड़कों के किनारे श्रध्दालुओं की भीड़ भक्ति भाव व रोमांच के साथ उमड़ पड़ी। वहीं जनता उन पर फूल बरसा कर अपनी श्रध्दा व्यक्त की। दिगंबर जनकपुरी महाराज ने बताया कि पेशवाई निकालने का अर्थ यह होता है कि अब मेला शुरू हो गया है। अखाड़ा में भगवान दत्तात्रेय के प्रतिबिंब को प्रवेश कराते हैं। दत्तात्रेय मंदिर से भगवान दत्तात्रेय की प्रतिबिंब को पालकी में विराजित कर लाया जाता है।
इस पेशवाई यात्रा में नागा-साधु, सन्यासियां अपने पारंपरिक आलौकिक श्रृंगार के साथ अस्त्र शस्त्र का प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। इस यात्रा के दौरान साधु संतों से उपस्थित जनसमूह की सुरक्षा तथा व्यवस्था को मदेनजर रखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तौद नजर आया, ताकि व्यवस्था में किसी प्रकार को कोई व्यवधान न पड़े और ना ही आने वाले दर्शनार्थी किसी प्रकार की असुविधाओं का सामना करने पड़े।

Related Articles

Back to top button