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विजेताओं के कैरियर निर्माण की सोच कब होगी विकसित ?

खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022, छत्तीसगढ़ को मिले 12 पदक

– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
युवाओं में खेल प्रतिभा का आंकलन करने के लिए भारत सरकार के खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण नई दिल्ली (साई) द्वारा पिछले चार वर्षों से खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया जा रहा है। 2022 का संस्करण मध्यप्रदेश में 30 जनवरी से 11 फरवरी तक सम्पन्न हुआ। वस्तुत: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश की खेल प्रतिभाओं का प्रदर्शन अब तक कोर ओलंपिक खेलों में सिर्फ कुश्ती, भारोत्तोलन, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, हाकी, एथलेटिक्स, तीरंदाजी, टेनिस जैसे कुछ ही खेल में शानदार रहा है। भारत में वैसे तो 25 जनवरी 19८4 से साई के माध्यम से विभिन्न खेलों के लिए खिलाडिय़ों का चयन करके उन्हें प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया जारी है परंतु इसमें और सुधार को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा के अनुसार 2018 से खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के आयोजन की शुरुआत हुई बाद में 2019 में इसका नाम खेलो इंडिया यूथ गेम्स कर दिया गया। इस प्रतिस्पर्धा में बालक-बालिकाओं के अंडर-17 और युवक-युवतियों के लिए अंडर-21 वर्ष अर्थात दो आयु वर्ग के प्रतिभागी प्रदर्शन करते हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स अब तक 2018 में नई दिल्ली, 2019 में पुणे, 2020 में गुवाहाटी, 2021 पंचकुला तथा 2022 में मध्यप्रदेश में आयोजित की जा चुकी है। सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि पांचों स्पर्धाओं में प्रथम व दूसरे स्थान पर हरियाणा या महाराष्ट्र के प्रतिभागी रहे हैं। 2022 में सम्पन्न खेलों में 27 खेलों शामिल किया गया। इसमें एथलेटिक्स, टेनिस, कबड्डी, तीरंदाजी, मुक्केबाजी, हाकी, जिम्नास्टिक्स, बैडमिंटन, खो-खो, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस, बास्केटबाल, फुटबाल, गटका, कलारीपयट्टू, थंगटा, मलखंब, योगासन, कैनोइंग- कयाकिंग और रोइंग जैसे खेल सम्मिलित थे। सबसे ध्यान देने वाली बात यह है कि इस प्रतियोगिता में चयन के लिए उभरते हुई खेल प्रतिभाओं की पहचान वार्षिक तौर पर शुरुआती और राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में खेल के आधार पर की जाती है। ऐसे प्रतिभा सम्पन्न खिलाडिय़ों को भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा खेलो इंडिया ई-खेल पाठशाला, खेलो इंडिया सेंटर, खेलो इंडिया स्टेट सेंटर आफ एक्सलेंस, खेलो इंडिया मान्यता प्राप्त अकादमी और योजना द्वारा पहचाने गये अन्य प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से विकसित किया जाता है। खेलो इंडिया सेंटर इस मुहिम को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देता है। खेलो इंडिया सेंटर पहल का उद्देश्य भारत में खेलो के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। वित्तीय सहायता, सहायक कर्मचारियों, उपकरणों खेलो इंडिया स्टेट सेंटर आफ एक्सीलेंस योजना के अंतर्गत दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार द्वारा 2014 में सत्ता में आते ही भारत में खेलों की दिशा व दशा बदलने का प्रयास आरंभ किया गया। इसमें सभी राज्यों का सक्रिय योगदान आवश्यक है। छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने इन खेलों में दो स्वर्ण, दो रजत, आठ कांस्य सहित 12 पदक जीते और 33 राज्यों में 22वां स्थान प्राप्त किया।
इसमें सबसे शानदार प्रदर्शन नारायणपुर, ओरछा धुरनक्सली प्रभावित क्षेत्र के मलखंब के खिलाडिय़ों का रहा उन्होंने छत्तीसगढ़ को प्राप्त 12 में से 6 पदक जीते जिसमें राकेश कुमार ने तीन पदक एक स्वर्ण, एक रजत, एक कांस्य पदक जीतकर छत्तीसगढ़ के खेल इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके अलावा संतोष, मोनू नेताम ने व्यक्तिगत जबकि लड़के व लड़कियों की टीम ने एक कांस्य पदक जीता। कुश्ती में स्वर्ण पदक, बास्केटबाल टीम ने रजत साथ ही भारोत्तोलन, कलारीपयाट्टू, थंग-टा, तलवारबाजी में भी एक-एक कांस्य पदक हमारे प्रतिभागियों ने जीता। सभी बधाई के पात्र हैं। खिलाडिय़ों की इतनी बड़ी उपलब्धि होने पर शासकीय तौर से किसी तरह के पुरस्कार या सम्मान की घोषणा ना होना छत्तीसगढ़ के खेल जगत के लिए चिंता का विषय है। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य ओलंपिक संघ के अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं। खेल एवं युवा कल्याण विभाग में खेल प्रशासक हैं और तो और छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण भी कार्यरत है। प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की देखभाल की जिम्मेदारी सबकी है तभी खेलकूद में भविष्य में सफलता मिलेगी।

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