मेला में दिनदहाड़े बाइक पार होने से सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
राजिम ी। मेले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी लापरवाही देखने को मिल रही है। मीडिया सेंटर के पास रखें पत्रकार की बाईक दिनदहाड़े चोरी हो गई। मेला को कवरेज करने के लिए आए स्थानीय पत्रकार मीडिया सेंटर के सामने बाईक रखकर मेले का कवरेज करने चले गए। कवरेज करने के बाद पत्रकार जब अपना बाईक लेने मीडिया सेंटर के पास पहुंचे तो उनकी बाईक चोरी हो गई थी। इस मामले की शिकायत सबसे पहले मेला स्थित कंट्रोल रूम में की गई। पत्रकार के द्वारा सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की गई। कंट्रोल रूम में ड्यूटी पर लगे पुलिस ने कहा कि मैं कल सीसीटीवी फुटेज दिखा दूंगा। पत्रकार और मीडिया साथी फिर से वहीं पर गए जहां पर बाईक रखी हुई थी। जहां पर बारीकी से देखने पर पता चला कि वहां पर कोई भी सीसीटीवी नहीं है। सुबह होते ही पत्रकार ने पुलिस कंट्रोल रूम में संपर्क किया। जहां पर सीसीटीवी फुटेज नहीं होने की बात कही की गई। वहां पर ड्यूटी पर लगे जवान के द्वारा जवाब दिया गया कि रात होने पर ही सीसीटीवी कैमरे चालू होते हैं और जो सीसीटीवी कैमरा चालू है उसके रिकॉर्डिंग वहां पर उपलब्ध नहीं है। इस बात को लेकर भारी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि कुछ कैमरे सिर्फ रात में चालू होते हैं। ऐसे में अगर दिन में कोई बड़ी वारदात हो जाती है या कोई चोरी की बड़ी घटना हो जाती है फिर उसकी जिम्मेदारी किसकी है। क्या केवल खानापूर्ति के लिए ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मेले में लगे आधे से अधिक सीसीटीवी कैमरे कोई काम के नहीं। मेले में बाईक की चोरी होने से इस बात का खुलासा हो गया कि मेले में जो सुरक्षा को लेकर के इंतजाम किए गए हैं वह पुख्ता नहीं है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर घोर लापरवाही बरती जा रही है। मेले में लगे आधे से अधिक सीसीटीवी कैमरे कोई काम के नहीं है क्योंकि उनके कोई रिकॉर्डिंग नहीं है। जब रिकॉर्डिंग्स नहीं है तो घटना की जांच कैसे की जाएगी? मंगलवार को शाम 5:00 बजे राजिम थाना पहुंचकर एफ आई आर दर्ज कराया गया। पश्चात पुलिस वाले खोजबीन करने की बात कह रहे हैं परंतु देश के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले इस पत्रकार को अब बगैर बाइक के आने जाने में कठिनाई होगी जिसकी भरपाई कौन करेगा बड़ी प्रश्न घूम रही है लगातार अखबारों की सुर्खियां बने रहे की मेले पर चप्पे-चप्पे में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है परंतु बाइक चोरी से उनकी पोल खोल कर रख दी है। इसी तरह से प्रत्येक वर्ष यह घटना हो रही है लेकिन चोर मालामाल हो रहे हैं और सुरक्षा देने वाले जिम्मेदार सिर्फ आश्वासन देकर फरियादी को वापस कर रहे हैं।