खेल के माध्यम से सबको जोड़नेे की पहल
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2022-23, अच्छी शुरुवात, सफल आयोजन
– जसवंत क्लाडियस,तरुण छत्तीसगढ़ संवाददाता
1 नवंबर 2000 को मध्यप्रदेश से पृथक होकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ। पिछले 22 वर्षों में हमारे प्रदेश की कला, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन आदि के क्षेत्र में बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। संसाधन और आर्थिक उपलब्धता के बीच तालमेल स्थापित करके हमारे राज्य के सत्ताधारियों ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए कदम उठाये। खेलकूद एक ऐसा क्षेत्र था जहां इस प्रदेश की खेल गतिविधियों को कोई मंच नहीं दिया जा सका था। इस दिशा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल और उनके सहयोगियों ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक स्पर्धा का आयोजन 6 अक्टूबर 2022 से 10 अक्टूबर 2023 किया। अचानक आरंभ हुई इस तरह की खेल प्रतियोगिता में भले ही कुछ अव्यवस्था हुई लेकिन अंतत: जीत लोक खेल और छत्तीसगढ़ी अस्मिता की हुई। हमारे प्रदेश के गांव-गांव तक लोकप्रिय ग्रामीण खेलों यथा गिल्ली डंडा, पि_ुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बांटी (कंचा) सभी दलीय श्रेणी के वही एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लंबीकूद सहित 14 खेल शामिल किए गए थे। इस आयोजन की सफलता के बाद कहा जा सकता है कि ग्रामीण लोक खेलों को राज्य सरकार द्वारा सम्मान, प्रोत्साहन दिए जाने से न सिर्फ छत्तीसगढ़िया बल्कि इस प्रदेश के सभी निवासियों ने अपने आपको गौरवान्वित महसूस किया है।
फिलहाल इसके दुबारा आयोजन के पूर्व कई बातों पर विशेष ध्यान देना होगा। 6 अक्टूबर से 10 जनवरी याने करीब 96 दिनों तक चला। अक्टूबर से जनवरी तक विभिन्न तीज त्यौहार के दौरान यह टूर्नामेंट खेला गया। कुछ अप्रिय घटना भी हुई। इस पर भी विचार किया जाना चाहिए। 14 खेलों में से कुछ खेल को हटाया जाए या फिर उनमें कुछ खेल और जोड़ा जाए। इस तरह की प्रतियोगिता को गांव से लेकर राज्य स्तर पर करना है तो 1 अप्रैल से 15 मई की अवधि उपयुक्त होगी। इसे प्रत्येक दो वर्ष में करना चाहिए। 2023 अक्टूबर के बाद दिसम्बर तक छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का माहौल रहेगा फिर मार्च-अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे। अत: इस गतिरोध को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन वर्ष 2025 के अप्रैल-मई में करना उपयुक्त लगता है। भारतीय राजनीति में यह परंपरा रही है कि सरकार में अगर दूसरी पार्टी आ जाती है तो पहले वाली सरकार के कार्यक्रमों को लागू नहीं किया जाता है अत: छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के प्रत्येक वर्ष, दो वर्ष, चार वर्ष में एक बार आयोजन करने के निर्णय को स्थायी नियम बना देना चाहिए। खेलों की संख्या को और नहीं बढ़ाना चाहिए बल्कि उसमें से 100मी. दौड़, कबड्डी, खो-खो और लंबीकूद को अलग किया जा सकता है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में जितने भी खेल सम्मिलित हो उनके नियम की पुस्तिका जिसमें अन्य जानकारी होगी प्रकाशित किया जाना चाहिए। इस टूर्नामेंट के सफल संचालन के लिए शाला के व्यायाम शिक्षकों, पूर्व राज्य, राष्ट्रीय खिलाड़ियों की सेवाएं लेना चाहिए। खेलों का स्तर ऊंचा तब होगा जब उपरोक्त खेलों के कोच उपलब्ध होंगे। चैंपियनशिप वाले स्थान पर पर्याप्त चिकित्सा सुविधा होनी चाहिए। खिलाड़ियों के आवास, परिवहन, भोजन की उत्कृष्ट व्यवस्था करनी चाहिए। सरकार की कोशिश तो सराहनीय है परंतु इसमें छत्तीसगढ़ की जनता का साथ जरूरी है।