गरियाबंद….आत्मरक्षा के नाम पर जिले भर के स्कूलों में बालिकाओं को दी जा रही कराटे ट्रेनिंग के बीच लापरवाही का मामला सामने आया है। ट्रेनिंग के बीच एक बालिका को दूसरे के ऊपर से उल्टा कूदना सिखाते हुए बालिका इतनी बुरी तरह घायल हुई कि उसके जांग की हड्डी दो जगह से बुरी तरह टूट गई ऑपरेशन कर लोहे का रॉड हड्डियों में लगाना पड़ा और अब बालिका बिस्तर से उठ भी नहीं पा रही। स्कूल में लापरवाही की हद तो तब हो गई जब शिक्षकों ने घटना की सूचना तक पलकों को नहीं दी और ना ही इलाज कराने का कोई प्रयास किया इतना ही नहीं शिक्षकों ने अपने उच्च कार्यालय को भी इस घटना की जानकारी नहीं भेजी।
गरियाबंद जिले के सैकड़ों स्कूलों में इन दिनों जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद बालिकाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रति स्कूल ₹5000 इस पर खर्च भी किए जा रहे हैं. मगर प्रशिक्षण में सुरक्षा मानकों पर ध्यान दिया जा रहा है ऐसा लगता नही कराटे के नाम पर कुछ करतब भी बच्चों को सिखाएं जा रहे हैं… जिससे घटनाओं की भी आशंका बनी हुई थी….
गरियाबंद के मालगांव माध्यमिक शाला में आठवीं कक्षा की बालिका सुधा निषाद कराटे के नाम पर करतब सीखते हुए बुरी तरह घायल हो गई दरअसल बालिकाओं को उल्टे होकर एक दूसरी बालिकाओं के ऊपर से कूदना सिखाया जा रहा था जो देखने में काफी जोखिम भरा लगता है बावजूद इसके नीचे जमीन पर गद्दे या रेत की व्यवस्था तक नहीं की गई थी इन सबके बीच बालिका सुधा निषाद गिरी और ऐसी गिरी कि उसकी जांघ की हड्डी एक नहीं दो दो जगह टूट गई… घटना के बाद शुरू हुआ स्कूल की लापरवाहीयो का सिलसिला स्कूल परिसर के भीतर हुई इस घटना के बावजूद शिक्षकों ने ना तो बच्ची का कोई इलाज कराया और ना ही इसके पालकों को इस घटना की जानकारी दी. किसी दूसरे परिजन ने जब बुरी तरह घायल बच्ची को तड़पते देखा तो बच्ची की मां को बताया और फिर किसी तरह बच्ची को घर लाया गया मजदूर पिता रोजी कमाने गया था जिसे वापस बुलवाया गया और बच्ची को जिला चिकित्सालय लाया गया यहां बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे रेफर करना पड़ा मगर गरीब पिता रायपुर जाने और खर्च उठाने में डरता रहा और गरियाबंद में ही एक निजी चिकित्सालय में बच्ची के पैर में ऑपरेशन किया गया हड्डी दो जगह से बुरी तरह टूटी थी जिसके बाद लोहे का रॉड बच्ची के पैर में लगाना पड़ा स्कूल में इस तरह घायल होने के बाद बच्ची की जिंदगी अब दुभर हो चुकी है। बच्ची बीते कई दिनों से बिस्तर से उठ तक नहीं पा रही स्कूल नहीं जाने के कारण पढ़ाई को नुकसान हो रहा तो अलग।
इस घटना को लेकर बच्ची के रिश्तेदार पड़ोसी और मां-बाप में स्कूल प्रशासन को लेकर खासी नाराजगी है उनका कहना है कि कराटे प्रशिक्षण के पहले ना तो बच्ची से ना पालकों से किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई कराटे के नाम पर जोखिम भरा करतब सिखाया जा रहा था। जिस दौरान बच्ची घायल हुई शिक्षकों को पालकों को बुलाकर घटना की जानकारी देनी चाहिए थी मगर नहीं दिया गया जाकर पूछने पर भी ठीक बर्ताव नहीं किया गया।
गरीब मजदूर पिता शासन से मदद की आस लगाए बैठा है मगर इस बच्ची पर ध्यान देने वाला कोई नहीं।
मामले में हमने जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने इस तरह की घटना की जानकारी नहीं होने की बात बताएं मगर जब हमने बच्ची की हालत से जुड़ा वीडियो उन्हें दिखाया तो जवाब तलब कर जरूरी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया शिक्षकों द्वारा घटना की सूचना नहीं दिए जाने को लेकर भी जिला शिक्षा अधिकारी ने गंभीर लापरवाही बताया। ….