राजिम कुंभ कल्प के मुख्य मंच पर बरसी संतों की अमृतवाणी

राजिम । राजिम कुंभ कल्प मेला में 21 फरवरी से संत समागम का शुभारंभ हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरि, महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद महाराज, महामंडलेश्वर मनमोहनदास महाराज, ब्रह्मचारी डॉ. इंदुभवानंद महाराज, दंडी स्वामी सच्चिदानंद तीर्थ महाराज, संत द्वारकेश महाराज, संत गुरुशरण महाराज (पंडोखर सरकार), महंत नरेंद्र दास महाराज, स्वामी राजीव लोचन दास महाराज, रामबालक दास महाराज, साध्वी महंत प्रज्ञा भारती सहित विशिष्ट साधु-संतों का सानिध्य एवं आशीर्वचन श्रद्धालुओं को प्राप्त हुआ।
सनातन और हिन्दुत्व की आंधी आई है:महामंडलेश्वर नवल गिरी
इस अवसर पर महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज ने कहा की सनातन और हिन्दुत्व की आंधी आई है। भारत की शक्ति को देखिए। अभी प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन हो रहा, जहां भीड रूक नहीं रही। आज हम गर्व से कह सकते है कि हम हिन्दू है। कहा कि हम चाहते है की बच्चों को बडी-बडी डिग्री भले ही दे, लेकिन सबसे पहले उन्हें संस्कार सिखाएं। सुबह उठकर हनुमान चालिसा की पाठ अवश्य पढऩे की आदत डालें। राजिम और प्रयागराज के कुंभ दर्शन से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। सभी युवा विवेकानंद की तरह सनातन धर्म का प्रचार करें – महामंडलेश्वर शैलेशानंदमहामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद महाराज ने कहा कि जिस दिन से राजिम कुंभ परंपरा का प्रारंभ हुआ वह दिन शुभ था। यह सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का सबसे अच्छा माध्यम है। अभी प्रयागराज में जन सैलाब है। वैसे ही एक दिन इस राजिम कुंभ में भी श्रध्दालुओं की भीड़ रहेगी। प्रत्येक संत चाहते है की प्रत्येक युवा विवेका नंद की तरह सनातन धर्म का प्रचार करें। हमारे देश में फिर से मकरंद हो जाए…, युवा पीढी संभलकर विवेकानंद हो जाएं। आज युवा पीढ़ी भटक रही है। कुछ विद्रोहियो द्वारा हमारी संस्कृतियो को दूषित किया जा रहा है।राजीव लोचन और कुलेश्वर महादेव से राजिम की पहचान स्वामी राजीव लोचन दास इस अवसर पर स्वामी राजीव लोचन दास महाराज ने कहा किं राजीव लोचन और कुलेश्वर महादेव से राजिम की पहचान है। 500 वर्षाे के वनवास के बाद भगवान श्रीराम अपने स्थान पर पहुचे। उन्होंने कहा अपनी जुबान से ऐसी बात बोलों जिससे समाज को नई दिशा मिले। 57 करोड लोगो ने कुंभ मे स्नान किया है और विश्व का इतिहास बदल दिया है। संत समागम का संचालन महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरि ने किया। उन्होंने कहा कि गुगल में पृथ्वी का रास्ता दिख सकता है, लेकिन धर्म का रास्ता देखने के लिए संतो की शरण में जाना होगा।