मधुमक्खियों के जानलेवा हमले से वनविभाग अंजान
पत्थलगांव । शहर के मुख्य मार्ग मे बनी कुछ आलीशान ईमारतो की छत पर बने मधुमक्खियों के छत्ते को लेकर वनविभाग गंभीर नही है,कुछ माह पूर्व रायगढ रोड स्थित एक टावर की क्षत से मधुमक्खी का छत्ता टूटकर पास मे ही बैठे रेस्टोरेंट के अनेक ग्राहको को घायल कर दिया था,मधुमक्खियों के डंक से कुछ बच्चे भी घायल हुये थे,जिसके बाद शहर मे मधुमक्खियों के छत्ते हटाने की कई दिनो तक चर्चा चली,परंतु वनविभाग शायद इस बात से बिल्कुल बेखबर है। रायगढ रोड स्थित एक टावर की छत पर अब भी दो दर्जन से अधिक छत्ते लटकते आसानी से देखे जा सकते है,इस ईमारत के पास ही नेता एवं बडे अफसरो के रूकने का विश्राम गृह भी मौजुद है,वनविभाग जनता की तकलीफ के अलावा शासन प्रशासन के नुमाईंदो पर आने वाली विपदा से भी अनभिज्ञ बना हुआ है,विश्राम गृह के पास ही एक विशालकाय वृक्ष मे भी सौ से अधिक मधुमक्खियो ने छत्ते बना रखे है,शोरगुल या फटाखो की आवाज से यदि मधुमक्खियां विचलित होकर अपने घर से बाहर निकलती है तो विश्राम गृह के अलावा सिंचाई विभाग,पशुधन विभाग,लोक निर्माण विभाग एवं इसके दायरे मे आने वाली अनेक रिहायसी कॉलोनीयों मे रहने वाले लोग मधुमक्खियों की चपेट मे आ सकते है। मधुमक्खियों से होने वाले ऐसे हमलो की ओर वनविभाग जरा भी ध्यान नही दे रहा है। अक्सर मधुमक्खियां शोर गुल मे विचलित होकर हमला करती है,यदि आने वाले समय मे इस तरह की कोई घटना शहर मे होती है तो उसकी समस्त जवाबदेही वनविभाग की होगी।।
डॉक्टर ने दी बचने की सलाह-:एक ही व्यक्ति को अनेक मधुमक्खियों द्वारा काट लिए जाने वाले पर पीडित की मौत भी हो सकती है,ऐसे मामले जिले मे अनेक बार घटित हो चुके है। ब्लाक चिकित्सा अधिकारी डॉ जेम्स मिंज ने बताया कि एक मधुमक्खी के काटने से एंटीबॉयोटिक दवाओ के अलावा पेनकिलर से ईलाज किया जा सकता है,परंतु एक ही व्यक्ति को अनेक मधुमक्खियों द्वारा काट लिए जाने पर उसका डंक बेहद घातक हो जाता है,ऐसी स्थिती मे यदि समय पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र मे पीडित को पहुंचा दिया जाता है तो उसकी जान बचायी जा सकती है। उन्होने लोगो से मधुमक्खियों के छत्तो वाली जगह पर शोर गुल के दौरान या फिर तेज हवा के समय जाने से मना किया है।।