शीतला माता मंदिर की वार्षिक जात्रा में उमड़े श्रध्दालु
गीदम । गीदम के शीतला माता मंदिर में मंगलवार को वार्षिक जात्रा का आयोजन हुआ , गीदम समेत विभिन्न जगहों से ग्रामीणो की यहां भारी भीड़ उमडी रही । ग्रामीणो ने शीतला माता मन्दिर में माता के दर्शन व पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया और यहां लगने वाले मेले का लुत्फ उठाया । गौरतलब है कि बस्तर अंचल में जात्रा का विशेष धार्मिक महत्व रहा है। इसमें ग्रामीण अपने देवी – देवताओं के साथ एकत्रित होते है और इन जात्राओ में क्षेत्र के विकास और खेती – बाड़ी में समृद्धि की कामना की जाती है। मंदिर के पुजारी के मुताबिक माता के सम्मान में यह उत्सव शुरू किया गया था, जहां चेचक सहित अन्य बीमारियों से निदान की और क्षेत्र की खुशहाली की कामना की जाती है। मेले में पहुचने वाले ग्रामीण माता के प्रति अपना सम्मान प्रदर्शित करने के लिये चढ़ावा के रूप में नारियल, फल व अन्य चीजें माता को अर्पित करते है, और माता के प्रसाद को लोग अपने घर भी ले जाते है। गीदम ब्लाक में स्थित शीतला माता मंदिर में प्रतिवर्ष दिसम्बर माह में मंगलवार को आयोजित होने वाली सालाना जात्रा का इस वर्ष भी बड़े धूमधाम हर्षोल्लास के साथ आयोजन हुआ। सुबह से ही माता मंदिर में विशेष पूजा – अनुष्ठान का आयोजन किया गया। माता के दर्शनों के लिये दिन भर भक्तो का ताता लगा रहा। इस दौरान देव खेलनी रस्म अदायगी हुई । क्षेत्र की विधायक देवती कर्मा समेत कई जनप्रतिनिधि भी यहां पहुँचे और माता के दर्शन कर आशीर्वाद लेकर क्षेत्र में खुशहाली की कामना की ।
तीन साल में एक बार होने वाले भैरव बाबा जात्रा का भी हुआ आयोजन : इस वर्ष तीन दिवसीय शीतला माता जात्रा के आयोजन में प्रथम दिन 12 दिसंबर को भैरव लंका गीदम में स्वयंभू भैरव बाबा की पूजा अर्चना की गई। गौरतलब है कि हर तीन वर्ष के बाद भैरम लंका में भैरव बाबा जात्रा का आयोजन गीदम में किया जाता है। साथ ही उसी दिन शाम के समय शीतला माता मंदिर में जात्रा कलश की स्थापना की गई। वही दूसरे दिन 13 दिसंबर को गांवदई पूजा व शीतला माता की पूजा अर्चना की गई , इस दौरान देव खेलनी रस्म भी अदा की गई। वही शाम को उडिय़ा नाट व आदिवासी नृत्य का आयोजन किया गया जिसके बाद 14 दिसंबर सुबह देवपूजा व ध्वजा उतारनी रस्म के साथ जात्रा का समापन हुआ ।