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छत्तीसगढ़

चुनाव बहिष्कार फरमान के बावजूद ग्रामीणों ने बढ़चढ़कर किया मतदान

दंतेवाड़ा/गीदम । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के पहले चरण के तहत आज 11 जिलों के 20 विस सीटों के लिए मतदान हो रहा है। दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा विधानसभा में आज सुबह से ही मतदान करने लोगों की भीड़ बूथों में उमडऩे लगी थी। मतदान का समय सुबह 7 बजे से सायं 3 बजे तक ही रखा गया है। शहरी क्षेत्रों में जहां मतदान केंद्रों पर भीड़ कम दिखाई पड़ी नहीं ग्रामीण अंचलों के बूथों में लोगों की लंबी लंबी कतारें लगी रही। ग्रामीण मतदान केंद्रों पर खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की बूथों पर सुरक्षा के चाक चौबंध इंतजामात किए गए हैं। दोपहर 2 बजे तक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिलने से जिला प्रशासन, निर्वाचन अधिाकारी, बूथ कर्मचारी, पुलिस विभाग समेत आम जनता ने राहत की सांस ली है। दोपहर 1.30 बजे तक दंतेवाड़ा विधानसभा में करीब 40 प्रतिशत वोट पडऩे की जानकारी जिला निर्वाचन अधिाकरी ने दी है।
दंतेवाड़ा विस चुनाव में कांग्रेस के ही एक बागी निर्दलीय अमूलकर नाग समेत कुल 7 प्रत्याशी मैदान में है। लेकिन मुख्य मुकालबा हमेशा की तरह इस बार भी दो प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस के बीच मानी जा रही है। कांग्रेस से छबिन्द्र महेंद्र कर्मा व भाजपा से चैतराम अटामी मैदान में है। देखना होगा कि क्षेत्र की जनता किसे अपना अगला विधायक चुनती हैं। पहले चरण के तहत आज सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ । भाजपा प्रत्याशी चैतराम ने कासोली बूथ पर सुबह 7 बजे परिवार समेत मतदान किया तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी छविन्द्र कर्मा ने अपने पैतृक निवास ग्राम फरसपाल में अपने परिवारजन समेत सुबह सुबह मतदान किया। दंतेवाड़ा विस में कुल 273 मतदान केंद्र हैं। संवेदनशील 07 बूथोंं को सुरक्षागत कारणों से नजदीकी बूथों में शिफट किया गया है। दंतेवाड़ा विस में करीब 1 लाख 92 हजार 323 वोटर हैं। चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त थे। करीब 10 हजार जवान चप्पे चप्पे पर तैनात किए गए थे। नक्सलियों ने पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है नक्सली आशंका के मद्देजनर संवेदनशील एवं अति संवेदनशील बूथों पर सुरक्षा चाक चौबंध की गई है। सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी होने से ग्रामीण बेखौफ होकर अपने घरों से वोट डालने निकले। अंदरूनी क्षेत्रों में बूथों पर ग्रामीणों की जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है। लोग सुबह 7 बजे से पूर्व ही अपने अपने मतदान केंद्रों के सामने जाकर कतार में लग गए थे। ग्रामीण महिला पुरूष घंटों कतार में लग कर वोट करते रहे। वहीं शहरी क्षेत्रों के मतदान केंद्रों की बात करें तो शहरी इलाकों के बूथों पर भीड़ कम देखी गई है। सुबह 7 बजे 11 बजे तक आंवराभाटा, हाईस्कूल एवं कतियाररास के बूथों पर कतार लगी रही उसके बाद 12 बजते ही शहरी बूथों पर भीड़ एकाएक कम हो गई। लोग एक एककर आराम से मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डालकर जाते रहे। दिव्प्यांग मतदाता भी उत्साह के साथ वोट करने बूथों पर पहुंचे थे जिन्हें जवानों ने सहायता कर सुरक्षित तरीके से बूथों तक पहुंचाया। शहरी मतदाता पूरे उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। खासकर वो मतदाता जो पहली बार वोटिंग करने बूथों पर पहुंचे थे उनमें गजब का उत्साह था। दंतेवाड़ा के स्वामी आत्मानांद इंगलिश मिडियम स्कूल बैंक चौक स्थित बूथ पर सुबह मतदान से पर्व ही ईवीएम खराब होने की जानकारी मिली है जिसे बाद में सुधारा गया जिसके चलते इस बूथ पर 40 मिनट देर से मतदान शुरू हुआ। कई अन्य बूथों पर भी वोटिंग कुछ देर से शुरू होने की जानकारी है। नक्सल प्रभावित चेरपाल में 33 सालों बाद हुआ मतदान- गीदम ब्लाक के इंद्रावती नदी पार के अतिसंवेदनशील क्षेत्र चेरपाल पंचायत में इस बार मतदान उसी गांव में होने से मतदाताओं ने बढ चढकर मतदान किया। बता दें कि आज से पहले इंद्रावती नदी पर पुल नहीं बना था जिसके चलते बीते कई दशकों से चेरपाल, हांदावाड़ा, कउरगांव, हितावाड़ा, तुमरीगुण्डा, पाहुरनार, छोटे करका के लोगों को मतदान के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। बूथ नदी के इस पार शिफट करना पड़ता था।

ग्रामीणों को डोंगी में बैठाकर वोट डालने नदी इस पार लाना पड़ता था। मतदाताओं को कई किलोमीटर पैदल तक चलना पड़ता था जिससे मतदान का प्रतिशत कम होता था। लेकिन अब इंद्रावती नदी में पुल बन जाने से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इन गांवों के मतदाता अपने गांव में ही अब बेखौफ होकर बूथों पर पहुचकर मतदान कर रहे हैं।
हांदावाड़ा बूथ पर 12 बजे तक पसरा रहा सन्नाटा- जहां छोटे करका, कउरगांव, हितावाड़ा एवं पाहुरनार के ग्रामीण चेरपाल मतदान केंद्र में पहुंचकर बढचढकर मतदान कर रहे थे वहीं नक्सल प्रभावित हांदावाड़ा के बालक आश्रम शाला बूथ पर दोपहर 12 बजे तक सन्नाटा पसरा रहा वहीं 1 बजे के बाद मतदाता भारी संख्या में वोट डालने चेरपाल बूथ पर पहुुंचे थे। हांदावाड़ा का बूथ चेरपाल आश्रम शाला में शिफट किया गया था। हांदावाड़ा की दूरी चेरपाल से करीब 12 किमी है। हांदावाड़ा के मतदातओं को वोट डालने चेरपाल बालक आश्रम बूथ पर पहुंचना था लेकिन दोपहर 12 बजे तक मात्र 2 लोग ही वोट डालने पहुंच पाए थे। हांदावाड़ा में करीब 995 के करीब वोटर हैं। खबर मिली है कि मतदाता वोट करना चाहते हैं किन्तु नक्सली फरमान व चुनावी बहिष्कार के कारण ग्रामीण डर से बूथों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं 2 बजे की खबर यह है कि भारी संख्या में ग्रामीण हांदावाड़ा से पैदल चलकर चेरपाल बूथ पर पहुंच गए हैं और वोट डाल रहे हैं। आज वोट डालकर हांदावाड़ा के ग्रामीणों ने बता दिया है कि चाहे कुछ भी कर लो वो लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा अवश्य लेंगे और राष्ट्र को मतबूत करने में अपनी सहभागिता भी निभाएंगे।

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