मानव तस्करी के शिकार युवकों को घर लाने परिजन कर रहे फरियाद
पत्थलगांव । मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध के प्रति लोगो मे जागरूकता लाने के लिए हर साल ग्रामीण क्षेत्रो मे बडी तादाद मे कार्यशाला आयोजित की जाती है,जिसमे शासन-प्रशासन की ओर से बाहर जाकर काम करने से मना करने के अलावा साज बाग की दुनिया मे ना फंसने की हिदायत दी जाती है,परंतु शासन-प्रशासन द्वारा लगाये जाने वाली कार्यशाला लोगो को कितना जागरूक कर पा रही है या फिर उसका कितना सार्थक असर हो रहा है यह पीडित परिजनो की फरियाद सुनने के बाद पता चलता है। ऐसा ही कुछ तमता क्षेत्र के युवको के साथ भी घटित हुआ है,जहा के नौ युवको को उंची नौकरी,उंचा साज बाग का सपना दिखाकर दो दलालो द्वारा तमिलनाडु भेज दिया गया,जिसमे से पांच युवक तंग होकर वहा से भाग खडे हुये,वे अपने गांव पहुंचकर वहा होने वाले अत्याचारो से परिजनो को अवगत कराया,जिसके बाद परिजनो ने तमिलनाडू से वापस नही लौट पाये चार युवको की यहा के थाने मे शिकायत दर्ज करायी है। परिजनो ने बताया कि तमिलनाडू ले जाने के बाद युवको से किसी प्रकार का संपर्क नही हो पा रहा है,उन्होने बताया कि वहा उन्हे बंदी की तरह रखा जा रहा है,जिसके कारण चार युवको को वापस लाने के लिए एक माह पूर्व परिजनो ने यहा के थाने मे लिखित शिकायत दर्ज करा दी है। बताया जाता है कि बाकी शेष चार युवक एक माह से दलालो के चंगुल मे आकर तमिलनाडू मे कैद की जिंदगी गुजर बसर कर रहे है,जिसके कारण परिजनो ने अब थाना का सहारा लेकर अपने बच्चो को वापस लाने की फरियाद लगायी है,परंतु अब तक इस दिशा मे परिजनो को कोई न्याय नही मिल पाया है। एक माह पूर्व शिकायत दर्ज कराने के बाद भी अब तक बाहर गये युवको की तलाश नही की जा सकी है,जिसे देखकर लगता है कि मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध की रोकथाम या लोगो को जागरूकता करने के प्रति लगाये जाने वाली कार्यशाला का कोई सार्थक परिणाम सामने नही आ पा रहा है।